टीम इंडिया ने बुधवार को पुणे में खेले गए दूसरे वन-डे में न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी की। अब सीरीज विजेता का फैसला रविवार को कानपुर में होने वाले निर्णायक मैच में होगा। बहरहाल, पहले वन-डे में करारी शिकस्त झेलने के बाद टीम इंडिया ने दूसरे वन-डे में जोरदार वापसी की और चार ओवर शेष रहते ही जीत हासिल की। मेजबान टीम को जीत दिलाने में इन 5 खिलाड़ियों की भूमिका प्रमुख रही। आईए जानते हैं, कौन है वो 5 हीरो:
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पहले वन-डे में विकेटलेस रहे युवा लेग स्पिनर ने पुणे में अपनी फिरकी का कमाल दिखाया। युजवेंद्र चहल ने 8 ओवर किए, जिसमें एक मेडन सहित सिर्फ 36 रन देकर दो विकेट लिए। 27 वर्षीय चहल ने एक ही ओवर में दो विकेट लिए। उन्होंने पहले खतरनाक कोलिन डी ग्रैंडहोम (41) को बुमराह के हाथों झिलवाया और अगली ही गेंद पर एडम मिलने को LBW आउट किया। चहल ने सटीक लाइन से गेंदबाजी की और उन्हें विकेट के पीछे से धोनी ने अच्छी सलाह भी मिलती रही।
बुमराह ने एक बार फिर अपनी गेंदबाजी से विरोधी टीम के बल्लेबाजों को गुमराह किया। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 10 ओवर के अपने कोटे में दो मेडन ओवर किए और 38 रन देकर दो विकेट लिए। 23 वर्षीय बुमराह ने शुरुआती ओवरों में शानदार गेंदबाजी करते हुए कीवी कप्तान केन विलियमसन को LBW आउट किया। फिर उन्होंने अच्छी पारी खेल रहे मिचेल सैंटनर (29) को कप्तान कोहली के हाथों की शोभा बनाया।
‘गब्बर’ के नाम से मशहूर टीम इंडिया के ओपनर ने पुणे की धीमी पिच पर कीवी गेंदबाजों के हौसले पस्त किए। रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली के जल्दी आउट होने के बाद धवन ने सजीली पारी खेली। उन्होंने 84 गेंदों का सामना करके 5 चौके व दो छक्को की मदद से 68 रन बनाए। शिखर धवन ने करियर का 22वां जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला वन-डे अर्धशतक जमाया।
इसे कहते है शानदार वापसी। दिनेश कार्तिक ने 92 गेंदों में 4 चौको की मदद से नाबाद 64 रन की मैच विजयी पारी खेली। कार्तिक ने इसी के साथ टीम इंडिया के चौथे क्रम की चिंता को भी दूर कर दिया है। कप्तान कोहली और टीम प्रबंधन को उनसे आगामी मैचों में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। 32 वर्षीय कार्तिक ने संयम का परिचय देते हुए क्रीज पर समय बिताया और कीवी टीम के गेंदबाजों को कभी भी हावी नहीं होने दिया।
इसमें कोई शक नहीं कि टीम इंडिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय विश्व में सबसे बेहतरीन है। भुवनेश्वर कुमार ने इसे बखूबी साबित करते हुए पुणे की धीमी पिच पर 10 ओवर में 45 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्हें इस प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। भुवी ने मार्टिन गप्टिल (11), हेनरी निकोलस (42) और कॉलिन मुनरो (10) को अपना शिकार बनाया। 27 वर्षीय भुवी ने निकोलस और मुनरो को क्लीन बोल्ड किया, जो उनकी धारदार गेंदबाजी का प्रमाण भी बना।