दिल्ली में बसों से सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर केजरीवाल सरकार ने शहर की बसों में पैनिक अलार्म सिस्टम को लॉन्च किया. फिलहाल यह केजरीवाल सरकार का पायलट प्रोजेक्ट है. लेकिन एक साल के भीतर ही इस अलार्म सिस्टम को शहर के सभी बसों में लगा दिया जाएगा.
राजधानी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा के लिए लगातार कोई न कोई कदम उठा रही है. दिल्ली के यातायात मंत्री कैलाश गहलौत ने बुधवार को कहा कि हमारी सरकार ने अपराध से निपटने के लिए पहले ही सभी डीटीसी बसों में बस मार्शल नियुक्त कर रखा है. अब बसों में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पैनिक अलार्म की व्यवस्था शुरू की जा रही है. इसके साथ ही 200 DTC बसों में पायलट बेसिस पर CCTV कैमरे लगाए जाने की योजना है.
हर बस में चार पैनिक बटन लगे होंगे. इनमें से किसी भी बटन को यदि महिला दबा देती है तो वह 40 सेकेंड तक बजता रहेगा. पैनिक बटन के अलार्म की आवाज इतनी तेज है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इन 40 सेकेंड्स के दौरान आवाज को किसी भी हाल में बंद नहीं किया जा सकता.
पैनिक बटन की आवाज सुनते ही बस को बाईं ओर खड़ा कर दिया जाएगा और कंडक्टर इस बात की जांच करेगा कि पैनिक बटन क्यों दबाया गया है. अगर हालात ज्यादा खराब हैं और उस स्थान पर उसे नहीं सुलझाया जा सकता तो मैनेजर जरूरत पड़ने पर PCR को बुलाएगा. पैनिक अलार्म GPS से जुड़ा होगा, इसलिए जैसे ही अलार्म बजेगा डिपो मैनेजर और बस के सेंट्रल कमांट सेंटर को अपनेआप अलर्ट चला जाएगा.
कैलाश गहलौत ने कहा कि केजरीवाल सरकार की कोशिश है कि मार्च 2019 तक इन तीन पहल को सभी DTC और क्लस्टर बसों में लागू कर देगी, जिससे कि महिलाओं के लिए बस का सफर आसान और सुरक्षित हो जाए. दिल्ली सरकार की तीन पहल में पहला डीटीसी बसों में बस मार्शल को नियुक्त करना, दूसरा 200 DTC बसों में CCTV कैमरे और तीसरा राजधानी की सभी बसों में पैनिक अलार्म सिस्टम लगवाना शामिल है.