लखनऊ: आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकी कमर उज जमा से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यूपी के कानपुर में फिदायीन हमले के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ और मेरठ भी उन लोगों के निशाने पर थे।
हालांकि लखनऊ और मेरठ में हमले की तैयारियों के लिए कमर उज जमा को ऊपर से कोई हरी झंडी नहीं मिली थी।उधर कमर उज जमा के असम में गिरफ्तार सात साथियों से पूछताछ के बाद यूपी एटीएस की टीम लखनऊ लौट रही है। टीम के लखनऊ लौटने के एक सप्ताह के बाद विवेचक सीओ अनुराग सिंह तीन आरोपियों को रिमांड पर लेकर वहीं पूछताछ के लिए असम जाएंगे
। उधर कानपुर से भागे कमर के दो साथियों का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। यूपी एटीएस लगातार जम्मू पुलिस के संपर्क में है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों फिर से लौटकर यूपी आ सकते हैं। इसलिए एजेंसियां लगातार प्रयास में हैं कि दोनों की गिरफ्तारी हो जाए। पड़ताल में यह भी सामने आया है कि कमर उज जमा को कानपुर हमले के लिए रुकना नहीं था।
सारी तैयारियों के बाद उसे वहां से निकल जाना था और हमले को अंजाम देने वाली टीम दूसरी होती। कमर उज जमा के केस को अब नैशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी ;एनआईएद्ध अपने हाथ में नहीं लेगी। एटीएस और एनआईए के अधिकारियों के बीच इसको लेकर चर्चा हुई है।
एनआईए के अधिकारियों ने एटीएस के अधिकारियों से पूछा था कि उन्हें इनवेस्टीगेशन में कोई समस्या तो नहीं है। एटीएस द्वारा खुद विवेचना किए जाने की इच्छा जताए जाने पर एनआईए इस केस को नहीं लेने का मन बना रही है।