साल 2008 में पहली बार भारतीय क्रिकेट फैंस इंडियन प्रीमियर लीग से रूबरू हुए थे। पहले सीजन में इसमें शामिल होने वाले फ्रेंचाइजियों ने फैंस के साथ अपना कनेक्शन बनाने के लिए उन घरेलू खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया था जो भारतीय टीम का हिस्सा थे और खूब हिट भी थे। जैसे कि वीरेंद्र सहवाग को पंजाब ने, सौरव गांगली को कोलकाता नाइट राइडर्स ने, सचिन तेंदुलकर को मुंबई इंडियंस ने खरीदा था, लेकिन उस दिल्ली की टीम ने उभरते हुए स्टार बल्लेबाज विराट कोहली को अपनी टीम में शामिल नहीं किया था। हालांकि विराट की कप्तानी में भारत ने अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब जीता था। अब आइपीएल के पूर्व सीओओ सुंदर रमन ने बताया है कि दिल्ली की टीम ने ऐसा क्यों किया था। 
विराट कोहली ने 2008 आइपीएल से ठीक पहले ही अंडर 19 विश्व कप का खिताब जीता था और उनके बारे में चर्चा शुरू हो गई थी। ऐसा लग रहा था कि विराट को दिल्ली डेयरडेविल्स (कैपिटल्स) इस टी20 लीग के लिए अपनी टीम में शामिल करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ जुड़े। सुंदर रमन ने पोडकास्ट 22 में गौरव कपूर से बात करते हुए बताया कि क्यों दिल्ली ने ड्राफ्ट से अपने पहले खिलाड़ी के रूप में प्रदीप सांगवान को चुना था विराट कोहली को नहीं।
उन्होंने कहा कि आइपीएल सीजन एक की नीलामी के एक महीने पहले ही भारत ने विराट की कप्तानी में अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब जीता था। हमने पहली नीलामी के कुछ दिनों के बाद अंडर 19 खिलाड़ियों के लिए एक अलग ड्राफ्ट रखने का फैसला किया। कमाल की बात ये रही कि इस ड्राफ्ट में विराट कोहली पहले चुने जाने वाले खिलाड़ी नहीं थे। दिल्ली ने उन्हें खारिज कर दिया और प्रदीप सांगवान को चुना। उनकी तरफ से कहा गया कि उन्हें अब टीम में अन्य बल्लेबाज की जरूरत नहीं है। उस वक्त उनकी टीम में वीरेंद्र सहवाग और एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी मौजूद थे। उस वक्त शायद वो सही थे, लेकिन आरसीबी ने उन्हें चुना और फिर क्या हुआ ये इतिहास है। विराट इस वक्त आइपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
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