मुंबई: आईपीएल के 11वें सीजन में आज यानि रविवार फाइनल मैच होगा। सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच इस सीजन का फाइनल मुकाबला मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना है जिसके लिए दोनों टीमें तैयार हैं।
केन विलियमसन की कप्तानी वाली सनराइजर्स टीम ने कम स्कोर को डिफेंड करके बार.बार सबको चौंकाया है तो वहीं धोनी की टीम ने पहले को पिछली तीन भिड़ंत में पटकनी दी है। मगर यह फाइट कुछ अलग है। इसमें पिछली तमाम उपलब्धियों के मायने नहीं रह जाते। सब कुछ नए सिरे से डिफाइन करना पड़ता है।
तमाम ऊर्जा झोंकनी पड़ती है क्योंकि यह ट्रोफी के लिए आखिरी जंग है। हैदराबाद टीम ने प्लेऑफ में जगह तभी बना ली थी जब उसने 10 मई को फिरोजशाह कोटला में शिखर धवन के नॉटआउट 92 रन की बदौलत दिल्ली को 9 विकेट से करारी मात दी थी। हालांकि इस मैच के बाद ऑरेंज आर्मी के प्रदर्शन में गिरावट आई। वह अगले तीन लीग मैचों में चेन्नई, बैंगलोर और कोलकाता से पराजित हो गई।
क्वॉलिफायर-1 में धोनी की येलो ब्रिगेड ने उसे दो विकेट से हराकर फाइनल का टिकट कटा लिया। सनराइजर्स ने कोलकाता की उड़ान भरी जहां उसने मेजबानों को उनके घर में पीटकर फाइनल का टिकट हासिल किया। इस मैच में ऑरेंज आर्मी ने फिर दिखाया कि उसकी गेंदबाजी कितनी धारदार है। इस आईपीएल में टारगेट का बचाव करते हुए हैदराबादी टीम ने पांच मैच जीते हैं जिसमें से दो तो ऐसे रहे जिसमें टारगेट 135 से भी कम का था।
हैदराबाद के पास स्पिन और पेस के मोर्चे पर दो करिश्माई बोलर्स हैं। राशिद और सिद्धार्थ कौल के नाम 21-21 विकेट हैं। ऑरेंज आर्मी जहां टारगेट का बचाव करने में माहिर है वहीं येलो ब्रिगेड को टारगेट का पीछा कर जीत दर्ज करने में महारत हासिल है। चेन्नई टीम ने इस आईपीएल में सात मैच टारगेट का पीछा करते हुए जीते हैं।
दो मैच तो उसने क्रमश 203 और 206 के टारगेट का पीछा करते हुए जीते। चेन्नई के पास चार ऐसे दमदार बैट्समैन हैं जो इस आईपीएल में 400 प्लस रन बना चुके हैं। अंबाती रायुडू ने 586, महेंद्र सिंह धोनी ने 455, शेन वॉटसन ने 438 और सुरेश रैना ने 413 रन बनाए हैं। हैदराबाद के खिलाफ क्वॉलिफायर.1 मैच में रायुडू और वॉटसन खाता भी नहीं खोल सके थे जबकि धोनी ने 9 तो रैना ने 22 रन बनाए थे।
मुश्किल स्थिति में फंसी चेन्नई टीम को जीत दिलाई थी ओपनर फाफ डु प्लेसिस ने जिन्होंने 42 बॉल में नॉटआउट 67 रन बना डाले थे। येलो ब्रिगेड की ताकत उसका अनुभव भी है। चाहे धोनी की कप्तानी हो या फिर रायुडू का फार्म या फिर ड्वेन ब्रावो की ऑलराउंड क्षमता उसको किसी भी मुश्किल से निकालने में सक्षम है।
आईपीएल-2017 के फाइनल से पहले मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट की टक्कर कुल तीन बार हुई थी। दो बार ग्रुप स्टेज में और एक बार प्लेऑफ में। तीनों दफा मुंबई पर जीत दर्ज की थी पुणे ने लेकिन जब खिताबी मुकाबले में इनका आमना-सामना हुआ तो पुणे की टीम उन्नीस साबित हुई और मुंबई की टीम तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बन गई। सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खिताबी भिड़ंत से पहले इन दोनों टीमों की भिड़ंत तीन दफा हो चुकी है और तीनों ही बार ऑरेंज आर्मी को येलो ब्रिगेड से शिकस्त मिली है।
हैदराबाद के फैंस उम्मीद कर रहे होंगे जिस तरह 2017 में मुंबई ने पुणे के खिलाफ लगातार हार के सिलसिले को फाइनल में तोड़ा था। उसी तरह उनकी टीम भी चेन्नै के दबदबे को ध्वस्त कर अपना दूसरा आईपीएल खिताब जीतेगी। दोनों टीमों के पास वैसे तो इस फॉर्मेट के धुरंधर खिलाड़ी हैं। लेकिन दोनों ही टीमों में एक-एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें ट्रंप कार्ड कह सकते हैं।
ऑरेंज आर्मी में राशिद खान हैं तो येलो ब्रिगेड में ड्वेन ब्रावो। दोनों ना केवल बोलिंग बल्कि बैटिंग और यहां तक कि फील्डिंग के चमत्कार से पासा पलटने का माद्दा रखते हैं। अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद ने क्वॉलिफायर-2 में दिखाया कि बोलिंग के साथ उनकी बैटिंग में भी धार है। राशिद के पिछले करिश्माई प्रदर्शन को ब्रावो ने भी सराहा और उन्हें फाइनल की भिड़ंत के लिए वेलकम किया।
आज के मैच पर दोनों के खेल के असर के बहुत मायने होंगे। आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सुरेश रैना को क्वॉलिफायर.1 मैच में सिद्धार्थ कौल ने बोल्ड किया था। रैना ऑफ स्टंप की बाहर की बॉल को कट कर सिंगल निकालने की फिराक में हमेशा रहते हैं लेकिन इस प्रयास में बॉल कई बार उनके बैट का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप में जा समाती है। कौल इस स्टाइल में रैना को पिछले मैच में आउट कर चुके हैं। इस बार वह यह ट्रिक आजमाएंगे या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।