चेन्नई: अब दुश्मन पर नजर रखने और सीमापार से होने वाली आतंकी गतिविधियों को मॉनिटर करने में भारतीय सेना और सुरक्षा बल की मदद एक सैटेलाइट भी करेगी, माना जा रहा है कि इससे सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी. शुक्रवार 23 जून को भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान इसरो ने कार्टोसेट-2 समेत 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. आपको बता दें कि इसके साथ ही भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और इतिहास रच दिया है.
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खास बात यह है कि कार्टोसेट एक विशेष प्रकार का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो कि अंतरिक्ष से ही धरती पर हो रही गतिविधियों पर नजर बनाये रखता है, इसको प्रक्षेपित करने के पीछे भारत का उद्देश्य सीमापार से प्रायोजित गतिविधियों पर नजर रखना और सीमा पर सुरक्षात्मक दृष्टि से निगरानी करना है. इसरो ने शुक्रवार को 31 उपग्रह प्रक्षेपित किये. यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी38 के जरिये किया गया. जिसमें 29 विदेशी उपग्रह भी शामिल थे.
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एक साथ 31 सैटलाइट्स का लॉन्च कामयाब :
आपको बता दें कि कार्टोसेट-2 लेटेस्ट रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है जिसकी लॉन्चिंग के बाद टेररिस्ट कैंप और दुश्मन के बंकर्स को ढूंढने में और ज्यादा मदद मिलेगी. भारत ने शुक्रवार को 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसेट-2 सीरीज और 30 अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण किया, यह उपग्रह शुक्रवार सुबह 9.29 बजे लॉन्च किया गया. लॉन्च किये गए सभी उपग्रहों का कुल वजन 955 किलोग्राम था, इसके जरिये सभी उपग्रहों को 505 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में स्थापित किया गया.
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आपको बता दें कि शुक्रवार को किये गए प्रक्षेपण में 14 देशों के 30 नैनो उपग्रह लॉन्च किये गए. यह आस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के साथ-साथ भारत के नैनो उपग्रह थे. भारत ने एक 15 किग्रा वजन का नैनो सैटेलाइट लॉन्च किया जिसे एनआईयूएसएटी तमिलनाडु की नोरल इस्लाम यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है. यह उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा.