कलावा कब बांधे और कब उतारे, जानें सही समय

         हिंदू धर्म में कलावे का बहुत महत्व है। आपको हर हिंदू के हाथ में एक लाल या भगवा रंग का कलावा बंधा नजर आ जाएगा। यह हर कार्य में बांधा जाता है। यह काफी शुभ होता है। लेकिन कलावा बांधने और उसको उतारने का लेकर भी कुछ समय निर्धारित होता है। पंडित ही कलावे को बांधते हैं और उसको उतारने के लिए कहते हैं। साथ ही इसे बांधते समय एक मंत्र का जाप भी करते हैं। यह महाराज बलि को ध्यान में रखते हुए पढ़ते हैं। आइए जानते हैं।

हर शुभ कार्य में बांधते हैं इसे
हिंदू धर्म के हर शुभ कार्य में कलावा बांधना जरूरी है। इसे मौली भी कहते हैं। यह कोई छोटी पूजा हो या फिर बड़ी पूजा हर जगह इसे बांधते हैं। इसे दाएं हाथ पर बांधा जाता है। कलावा को रक्षा सूत्र के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं कि इसे बांधना शुभ है और यह जीवन में संकट से बचाता है। शास्त्रों में कहा गाय है कि कलावा बांधने से सभी देवी देवताओं की कृपा बनी रहती है। बुद्धि, विद्या, लक्ष्मी और संपन्नता आती है।

यह जरूर जानें
हाथ में कलावा बांधने के नियमों को भी जानना जरूरी है। कलावा तभी बांधे जब किसी तरह का कोई धार्मिक कार्य हो। आप पूजा में शामिल हों या फिर पूजा कर रहे हैं। पंडित आपको खुद ही यह बांध देते हैं। लेकिन कलावा काफी पुराना हो गया है इसलिए आप उसे उतार दें और नया कलावा बांध लें यह सही नहीं है। इसे करने से बचे। शास्त्र भी कहते हैं कि धार्मिक कांड में हाथ में कलावा बांधना जरूरी होता है। मांगलिक कार्य में यह शुभ है। इससे संकट कम होता है। जानकारी के मुताबिक, अगर मंगलवार और शनिवार का दिन है तो कलावा बदलना काफी अच्छा है। इससे जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा आएगी। पुरुष दाएं और महिलाएं बायें हाथ में कलावा बांधती हैें। अविवाहित कन्याएं दाएं हाथ में कलावा बंधवा सकती हैं। कलावा बांधते समय मुट्ठी बंद होना जरूरी है। एक हाथ सिर पर जरूर रखें और कलावा को पंडित जी बांधे तो ज्यादा अच्छा है। पुरानी मौली को किसी पेड़, पीपल के पेड़ या फिर तुलसी के नीचे रखना चाहिए। इसके वैज्ञानिक कारण भी है। कलावा बांधने से कई तरह के रोग भी नियंत्रित रहते हैं।

GB Singh

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com