लखनऊ: बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी में जेलोंं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जेलों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था कायम करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह जानकारी प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि समिति का अध्यक्ष पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह को बनाया गया है। पूर्व एडीजी कारागार हरिशंकर व एडीजी कारागार डॉ शरद समिति के सदस्य होंगे। दूसरी ओर अपर पुलिस महानिदेशक एडीजी जेल चंद्रप्रकाश मंगलवार को बागपत जेल पहुंचकर क्राइम सीन जाना। इस दौरान जेल के अंदर का सीसीटीवी खराब मिलने पर उन्होंने खासी नाराजगी जाहिर की।
उन्होंने अफसरों से पूछा जेल में हथियार कैसे पहुंच गए। हथियार और कारतूस जेल के भीतर ले जाकर मर्डर किए जाने पर जेल प्रशासन को फटकार भी लगाई। सूत्रों के मुताबिक एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने सबसे पहले मर्डर वाली जगह देखी। फिर उन बैरकों का मुआयना किया जिसमें मुन्ना बजरंगी और सुनील राठी बंद थे।
सुनील राठी ने दावा किया था कि उसने बजरंगी के हथियार तानने पर छीनकर मैंने गोली मारी जिसमें वह मारा गया। बजरंगी ने मुझे सुनील मोटा कहा था। एडीजी ने उस हथियार की भी पड़ताल की कि क्या उससे 10 राउंड फायरिंग संभव थी। एडीजी का कहना है कि पूरे मामले की विभागीय जांच होगी। हत्या की जांच पुलिस करेगी। प्रशासन मैजिस्ट्रेटी जांच करेगा।
मानवाधिकार आयोग को भी जानकारी दे दी गई है। एडीजी का भी मानना है कि इस मामले में किसी जेलकर्मी की मिलीभगत हो सकती है। बागपत जेल में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या के मामले में वायरल हुई तस्वीरों से विवाद खड़ा हो गया है। मुन्ना बजरंगी के शव की एक तस्वीर में सीने पर गोली लगने के निशान साफ दिख रहे हैं और दूसरी तस्वीर में गोली के निशान गायब हैं।
इन तस्वीरों की असलियत का पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच की बात कही है। जांच में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से चोटों का मिलान करवाया जाएगा। एसपी बागपत जयप्रकाश का कहना है कि हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और बरामद कारतूस का भी मिलान करवाया जाएगा।
सुनील राठी के खिलाफ मंगलवार को अवैध हथियार रखने का एक और मुकदमा दर्ज किया गया। सोमवार को उसके खिलाफ मुन्ना बजरंगी की हत्या का केस दर्ज किया गया था। मैजिस्ट्रेट ने जेल में ही कोर्ट लगाई जहां राठी को पेश कर दिया गया। सुनवाई के बाद उसे 14 दिन का न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। राठी पहले से ही हत्या के मामले में जेल में बंद है।
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