कश्मीर घाटी में माजिद की ही तरह पिछले एक साल में 17 युवा आतंकवाद को अलविदा कहते हुए मुख्यधारा में वापस लौटे हैं। सैन्य सूत्रों का कहना है कि अक्सर सरेंडर करने वाले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा आतंकी के सरेंडर को गिरफ्तारी दिखाया जाता है ताकि वह अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।Loot: लखनऊ में इस साल की सबसे बड़ी लूट, सर्राफ से लूटे गये 17 लाख के जेवरात!
सैन्य सूत्रों के अनुसार पिछले एक वर्ष की बात करें तो करीब 17 ऐसे युवा हैं जो मुख्यधारा में लौटे हैं। पिछले 6-7 महीने के दौरान 60 से 70 युवा ऐसे भी हैं जो आतंकवाद की राह पर निकले हैं लेकिन उनके पास अच्छी ट्रेनिंग नहीं है और वह ज्यादा देर नहीं टिक सकते।
उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की हमेशा कोशिश रहती है कि भटके हुए युवाओं को सही राह पर लाया जाए ताकि वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। आपकों बता दें कि इससे पहले एसपी वैद और आईजीपी मुनीर खान ने भी घाटी के आतंकियों से अपील की थी जो अगर कोई आतंकी मुख्यधारा में वापस आना चाहता है तो उसका हम स्वागत करते हैं।