लखनऊ : 27 अगस्त होने वाली लालू की बहुचर्चित पटना रैली में बीएसपी प्रमुख मायावती ने शामिल होने से इंकार कर बड़ा झटका दे दिया है. मायावती का स्पष्ट कहना है कि पहले सीट का बंटवारा हो फिर किसी सेकुलर मोर्चे की बात हो.मायावती ने स्पष्ट कह दिया कि बीएसपी 27 अगस्त की लालू की रैली में शामिल नहीं होगी.
उल्लेखनीय है कि मायावती ने बुधवार को जल्दी में बुलाई प्रेस वार्ता में मायावती ने सेकुलर फ्रंट बनाने के लिए एक ऐसी शर्त रख दी जिसे मानना फिलहाल किसी दल के वश में नहीं है. मायावती ने स्पष्ट कहा कि जब तक सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव की सीट का बंटवारा नहीं कर लेतीं, तब तक वे किसी भी पार्टी के मंच को शेयर नहीं करेगी. हालाँकि उनकी पार्टी सेकुलर पार्टियों को एकजुट करने की समर्थक है. लेकिन पार्टियों की एकजुटता का इतिहास हमेशा धोखेबाजी का रहा है. जब चुनाव का समय आता है तो सभी पार्टियां टिकट बंटवारे के समय एक-दूसरे की पीठ में छुरा भोंक देती हैं. ऐसे में कोई भी फ्रंट अब तब तक नहीं बन सकता जब तक सीटों के बंटवारे पर सहमति ना बन जाए.
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बता दें कि बीएसपी के इस बयान से देश में बीजेपी या यूँ समझें कि मोदी के खिलाफ एक फ्रंट की चल रही कोशिशें एक-एक कर ध्वस्त होने लगी है. लालू यादव ने अपनी रैली में बीएसपी को भी आमंत्रित किया है. बीएसपी को लेकर भ्रांतियां पैदा करने की कोशिशों पर बसपा की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के नजरिये से ही प्रेस वार्ता में यह बयान जारी किया गया है. ममता, सोनिया के बाद अब मायावती के रैली में शामिल नहीं होने से लालू की रैली की सफलता पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं.