सरकार ने मंदी से जूझ रहे रियल एस्टेट कारोबार को बढ़ावा देने केमकसद को एक बार फिर ऑक्सीजन देने की कोशिश की है। सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में कलेक्टर रेट घटाने का एलान किया है। इससे पहले सरकार स्टांप ड्यूटी भी घटा चुकी है। अभी-अभी: कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, इस निर्णय से राशनकार्ड धारकों को होगा ये फायदा
अभी-अभी: कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, इस निर्णय से राशनकार्ड धारकों को होगा ये फायदा
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में हुई उच्चस्तरीय मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि शहरी इलाकों में पांच प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में दस फीसदी कलेक्टर रेट घटाए गए हैं। वित्तायुक्त राजस्व केबीएस सिद्धू द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक यह कमी सिर्फ प्राथमिक जमीनी दरों पर लागू होगी, सुपर स्ट्रक्चर पर नहीं। कलेक्टर रेट में कमी पंजाब स्टैंप (डीलिंग ऑफ अंडर वैल्यूज इंस्ट्रुमेंट) रूल्स 1982 के नियम 3ए के अधीन नोटिफाई की गई है। जोकि पंजाब सरकार संशोधन नोटिफिकेशन (22 नवंबर 2016) द्वारा नोटिफाई किया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि कलेक्टर रेट में संशोधन संबंधित निर्देश सभी डिप्टी कमिश्नर को भेज दिए गए हैं।
स्टांप ड्यूटी समेत कई और फीस कर चुकी है कम
सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस रियल एस्टेट कारोबार को प्रोत्साहित करने में लगी है। पहले कैबिनेट ने स्टांप ड्यूटी 31 मार्च 2018 तक नौ से घटा कर छह फीसदी करने का फैसला किया था। सामाजिक सुरक्षा फंड के रूप में ली जाती तीन फीसदी स्टांप ड्यूटी को खत्म कर दिया गया था। एक अन्य अहम फैसले के तहत कैबिनेट ने दस प्रतिशत चेंज ऑफ लैंड यूज, एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्जेज, और लाइसेंस फीस में एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक रियल एस्टेट प्रोजेक्टों को छूट देने को स्वीकृति दी थी। मीटिंग में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, राणा गुरजीत सिंह, तृप्त रजिंदर बाजवा भी मौजूद थे।
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