विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद भी देश की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी इंफोसिस में विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां इंफोसिस बोर्ड कंपनी के लिए नए सीईओ और एमडी की तलाश कर रहा है वहीं बोर्ड के कुछ सदस्यों ने इस्तीफा देने का पेशकश की है.
अभी-अभी: सरकारी बैंकों के विलय के लिए रास्ता तैयार, सरकार ने बढ़ाया ये बड़ा कदम…
एक अंग्रेजी टीवी चैनल ने दावा किया है कि बोर्ड के सदस्यों को छोड़कर सभी अन्य ने बोर्ड से इस्तीफा देने की पेशकश की है. यह पेशकश इसलिए की गई है जिससे कंपनी के नए सीईओ और एमडी के तौर पर नंदन निलेकणि का इंफोसिस में नई पारी शुरू करने का रास्ता साफ हो सके.
सूत्रों के मुताबिक नंदन निलेकणि ने इस शर्त पर इंफोसिस की कमान संभालने पर रजामंदी दी है कि उन्हें कंपनी की कमान क्लीन स्लेट दी जाए जिससे नए मैनेजमेंट के सामने पुराने विवाद न आएं. निलेकणि का मानना है कि कंपनी को तेज रफ्तार देने के लिए जरूरी है कि एक बार फिर कंपनी में इंवेस्टर का रुझान मजबूत हो और कर्मचारियों के लिए कंपनी का माहौल बेहतर रहे.
गौरतलब है कि नंदन निलेकनी ने 2009 में इंफोसिस को छोड़कर केन्द्र में मनमोहन सिंह सरकार की आधार योजना शुरू करने के लिए यूआईडीएआई के चेयरमैन की कमान संभाल ली थी. 2009 में इंफोसिस छोड़ते वक्त निलेकणि ने कहा था कि वह वापस इंफोसिस का रुख नहीं करेंगें. लेकिन बीते कुछ महीनों से इंफोसिस में जारी संघर्ष और विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद कंपनी के को चेयरमैन और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने निलेकणि से एक बार फिर कमान संभालने का दबाव बनाया.
नंदन निलेकणि की वापसी का मतलब है इंफोसिस बोर्ड का नए सिरे से पुनर्गठन किया जाएगा. सूत्रों का मानना है कि नए बोर्ड में जिन सदस्यों को जगह न बना पाने की उम्मीद है वह बोर्ड से इस्तीफा दे सकते हैं.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features