केंद्रीय कैबिनेट इस हफ्ते मौजूदा माल एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था के तहत मध्यम, बड़ी और एसयूवी कारों पर उपकर 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने के लिए एक अध्यादेश जारी करने पर विचार कर सकता है.#बड़ी खबर: अब सोना खरीदने-बेचने के लिए जरूरी हुआ पैन कार्ड, जानिए पूरी जानकारी…
जीएसटी परिषद ने पांच अगस्त को एसयूवी, मध्यम, बड़ी और लक्जरी कारों पर जीएसटी उपकर को बढ़ाए जाने की अनुमति दे दी क्योंकि एक जुलाई से लागू हुई इस व्यवस्था के बाद से इन कारों के दाम पुरानी व्यवस्था के मुकाबले कम हो गए थे.
जीएसटी परिषद जीएसटी के लिए कर दर तय करने वाली शीर्ष इकाई है. जीएसटी प्रणाली में उपकर बढ़ाने के लिए जीएसटी राज्यों को मुआवजा अधिनियम-2017 की धारा-8 में संशोधन करना होगा. एक अधिकारी ने बताया, मंत्रिमंडल अगले कुछ दिनों में इस संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी करने पर विचार कर सकता है.
अधिकारी ने बताया कि उपकर में वृद्धि करने से पहले सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग और भारी उद्योग जैसे विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव लिए जाएंगे. उल्लेखनीय है कि कानून में बदलाव करने के लिए सरकारें अध्यादेश का रास्ता तब चुनती है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है. हालांकि अध्यादेश को पूरा कानून बनाने के लिए सरकार को उसे छह माह के भीतर संसद से मंजूर कराना होता है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि GST के बाद कारों पर कुल टैक्स GST और सेस मिलाकर GST से पहले वाली व्यवस्था के मुकाबले शुल्क कम हो गया था. बयान में कहा गया है, GST परिषद ने 5 अगस्त को हुई अपनी 20वीं बैठक में इस मसले विचार किया और केंद्र सरकार से सिफारिश की कि वह 8702 और 8703 शीर्षक के तहत आने वाले मोटर वाहनों पर अधिकतम उपकर मौजूदा 15% से बढ़ाकर 25% करने के लिए विधायी संशोधन करने का प्रस्ताव रख सकती है.
इसलिए डरे हुए हैं व्यापारीबढ़ा हुआ सेस कब से प्रभावी होगा, इसका फैसला GST परिषद बाद में करेगी. सेस में बढ़ोतरी के लिए GST राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजा अधिनियम-2017 के धारा-8 में संशोधन की जरूरत होगी. 8702 और 8703 शीर्षकों के तहत आने वाले मोटर वाहनों में मीडियम साइज, बड़ी कार, SUV और 10 से ज्यादा लेकिन 13 से कम लोगों के बैठाने की क्षमता वाले वाहन और 1500cc से अधिक क्षमता के इंजन वाले हाइब्रिड वाहन और 1500cc से कम इंजन के मध्यम दर्जे की हाइब्रिड कारें आती हैं.
GST फिटमेंट समिति ने अपनी 25 जुलाई की बैठक में पाया कि इन कारों पर कुल कर GST से पहले की व्यवस्था की तुलना में कम हो गया है. इस समिति पर ही टैक्स की दरों का आंकलन करने की जिम्मेदारी है. GST से पहले इन कारों पर 52 से 54.72% टैक्स लगता था जिसमें से 2.5% केंद्रीय बिक्री कर (CST) शमिल था. GST के बाद इन पर कुल कर भार 43% रह गया था.