वैशाख मास खत्म होने को है और उसके बाद शुरू होगा ज्येष्ठ मास। वैशाख मास को भगवान के काफी करीब माना जाता है क्योंकि इस मास में काफी व्रत और त्योहार पड़ते हैं। लेकिन आने वाले ज्येष्ठ मास को भी हिंदू धर्म में खास महत्व मिला हुआ है। ज्येष्ठ मास में हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार ज्येष्ठ मास 17 मई से शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं।
ज्येष्ठ मास का महत्व
ज्येष्ठ मास का प्रारंभ तब होता है जब वैशाख मास पूर्णिमा के साथ समाप्त होता है। ज्येष्ठ मास को हिंदू धर्म का खास माह इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य देवता की और रविवार व्रत करने का भी महत्व है। इस महीने में जल का दान करना चाहिए, क्योंकि यह भी कहा गया है कि ज्येष्ठ की गर्मी भी काफी बढ़ती है। इसलिए इस माह में पशुओं और पक्षियों के लिए दाना व पानी रखना चाहिए। इस बार 17 मई से ज्येष्ठ शुरू होगा कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में।
क्या पड़ेंगे व्रत त्योहार
ज्येष्ठ मास में कई व्रत और त्योहार पड़ेंगे। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से बड़ा मंगलवार भी शुरू हो रहा है। इस महीने में एकदंत संकष्ठी चतुर्थी, अपरा अकादशी, मासिक शिवरात्रि, शनि जयंती, वट सावित्री, निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे त्योहार पड़ेंगे। ज्येष्ठ माह के शुरू होने के दिन ही बड़ा मंगलवार शुरू होगा। एकदंत संकष्टी चतुर्थी 19 मई, मासिक कलाष्टमी व्रत 22 मई, अपरा एकादशी 26 मई, प्रदोष व्रत 27 मई को और मासिक शिवरात्रि 28 मई को, 30 मई को वट सावित्री, तीन जून को विनायक चतुर्थी, 7 जून को दुर्गाष्टमी व्रत, नौ जून को गंगा दशहरा, 10 जून को गंगा दशहरा, 10 जून को निर्जला एकादशी, 12जून को प्रदोष और 14 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाया जाएगा।
GB Singh