चौबेपुर के बिकरू गांव में मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने की घटना को लेकर शासन बेहद गंभीर है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के बाद दोपहर करीब दो पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी भी आ गए हैं। उन्होंने घटनास्थल पर चप्पे-चप्पे का जायजा लिया और अधीनस्थों से पूरी जानकारी जुटाई। साथ ही अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगाई गई टीमों से भी अपडेट लिया। उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण है, दोषियों का समय अब पूरा हो चुका है उन्हें जल्द सजा मिलेगी। वहीं बातचीत में उनका मर्म भी सामने आ गया और कहा कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए होती है लेकिन ऐसे समय में पुलिस की मदद के लिए किसी का आगे न आना अच्छे संकेत नहीं हैं।
शुक्रवार की दोहपर करीब दो बजे डीजीपी एचसी अवस्थी बिकरू गांव पहुंचे, सबसे पहले उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने देखा कि किस प्रकार सड़क पर जेसीबी को खड़ा करके रास्ता बंद किया गया है। इसके बाद उन्होंने वह सभी स्थान देखे जहां पर गोली लगने के बाद पुलिस जवान शहीद हुए थे। विकास दुबे के घर के अंदर जाकर मुआयना किया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए डीजीपी ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, अपराधिक तत्वों द्वारा पुलिस टीम पर यह कायराना हमला है। साजिश के तहत पुलिस टीम को निशाना बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस टीम अपने दायित्व निर्वाहन के लिए गांव आई थी, जहां उसपर हमला किया गया। घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की धरपकड़ के लिए कानपुर पुलिस के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया है। जनपद समेत आसपास की सारी सीमाएं सील कर दी गई हैं, जल्द ही सामने आ जाएगा कि घटना के पीछे कौन-कौन शामिल हैं। कहा, दोषी जल्द वहां होंगे, जहां उन्हें होना चाहिए और उन्होंने इसे एक सोची समझी साजिश करार दिया है।
अधूरी तैयारियों के साथ पुलिस टीम द्वारा दबिश दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है, जहां कमी होगी उसे ठीक किया जाएगा। हालांकि दबिश डालने में बड़ी टीम थी और अधिकारी उसका नेतृत्व कर रहे थे बावजूद इसके घात लगाकर अंधेरे का फायदा उठाते हुए बदमाशों ने पुलिस टीम को निशाना बनाया है। उन्होंने गांव वालों से अपील करते हुए कहा कि डर को मन से निकाल दें। पुलिस जवानों की शहादत पर गमजदा डीजीपी ने कहा कि गांव के बीच पुलिस टीम पर हमला सोचने पर मजबूर करता है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है। यह समाज के लिए भी चिंता का विषय है कि पुलिस आम लोगों की रक्षा के लिए है लेकिन ऐसी परिस्थितियों में पुलिस की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया, यह अच्छे संकेत नहीं है।
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