पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो अब आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। गैस चालित वाहनों के बाद अब सरकारें इस ओर ध्यान दे रही हैं। विद्युत गाड़ियों को बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी टेस्ला की ओर से भारत में अपना बाजार खड़ा करने की शुरुआत भी हो गई है। इस बीच खबर मिली है कि गुजरात के केवड़िया शहर को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों से चलने वाला शहर बना दिया जाएगा। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। यहां सबसे बड़ा प्रतिमा स्टैच्यू आफ यूनिटी भी है जिसे देखने के लिए काफी पर्यटक पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही देश के अन्य शहर भी अब विद्युत वाहनों की तरफ बढ़ रहे हैं। वहां भी तैयारियां शुरू हो गई है। यह शहर क्यों है विद्युत वाहनों के लिए मुफीद। आइए जानते हैं।
सिर्फ दिखेंगे विद्युत वाहन
गुजरात का स्टैच्यू आफ यूनिटी क्षेत्र केवड़िया देश का पहला विद्युत वाहन सिर्फ विद्युत वाहनों के लिए क्षेत्र बनने वाला है। इस इलाके में सिर्फ विद्युत वाहन ही चलाए जा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अहम कदम उठाने का एलान किया जिसके बाद, स्टैच्यू आफ यूनिटी एरिया डेवलपमेंट एंड टूरिज्म गवर्नेंस अथॉरिटी की ओर से बताया गया है कि गुजरात के केवड़िया में वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा, यह क्षेत्र प्रदूषण से मुक्त होगा।
पर्यटकों के लिए भी होगी सुविधा
प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि केवड़िया में 182 मीटर ऊंचे स्टैच्यू आॅफ यूनिटी के आसपास के इलाके को भी चरणों में विद्युत वाहनों के लिए ही बनाने पर जोर रहेगा। इसके लिए भी काम शुरू कर दिया गया है। बताया गया कि प्राधिकरण के जद में आने वाले क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई ईंधन चालित वाहन नहीं चलेगा। पर्यटकों को भी सुविधा दी जाएगी। उनके लिए बिजली के चलने वाली बसें, चार पहिया वाहन और किराए पर चलने वाले वाहन होंगे। यह सब डीजल से नहीं बल्कि बैटरी से चलेंगे। हालांकि 2019 में ही सिर्फ केवड़िया में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को प्राथमिकता देने का फैसला प्रधानमंत्री की ओर से किया गया था। क्षेत्र में ई–रिक्शा चलाने वाली कंपनी को एक स्मार्ट मोबाइल एप के लिए कहा जाएगा। जिसमें इन किराए और पर्यटकों के आकर्षण के बारे में जानकारी हो।
वाहनों को खरीदने में छूट मिलेगी
बताया जा रहा है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के आसपास रहने वाले स्थानीय निवासियों को विद्युत तिपहिया वाहन खरीदने में मदद होगी।प्राधिकरण ने कहा कि वह विद्युत वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाएगी ताकि आसानी से लोग वाहनों को खरीद सकें। इसके अलावा शहर में चार्जिंग प्वाइंट भी बनाए जाएंगे ताकि वाहनों को चार्ज किया जा सके। लाभार्थी को सबसिडी के अलावा अन्य राशि का भुगतान करना होगा। लोगों को गारंटी देनी होगी कि वे ईधन से चलने वाले वाहन इलाके में नहीं चलाएंगे। अधिकारी व कर्मचारियों के वेतन से ही लोन की राशि को आसान किस्तों में काटा जा सकेगा। प्राधिकरण के क्षेत्र में कम से कम 50 ई–रिक्शा चलाने की अनुमति मिलेगी। महिलाओं को वरीयता मिलेगी। केवड़िया स्थित कौशल विकास केंद्र में महिला चालकों को मुफ्त में वाहन चलाना सिखाया जाएगा।
क्यों है मुफीद केवड़िया और शहर हैं कतार में
केवड़िया में दो जलविद्युत पावर संयंत्र हैं। यहां प्रदूषण कम फैलता है। यह संयंत्र काफी मात्रा में पर्यावरण के अनुकूल बिजली पैदा करते हैं। इसलिए भी यहां यह योजना परवान चढ़ सकेगी। देश की पहली इलेक्ट्रिक वाहन पर्यटन योजना केवडिया में शुरू की गई। यहां ईको–फ्रेंडली इलेक्ट्रिक बाइक्स भी जारी की गईं। इनको चलाने के लिए दो घंटे का किराया 1500 रुपये तय है। इसके अलावा दिल्ली को भी पूरी तरह विद्युत वाहनों के लिए अनुकूल बनाने की तैयारी चल रही है। चंड़ीगढ़, भोपाल, इंदौर, मुंबई, अमृतसर के अलावा यूपी के भी कुछ शहरों में जल्द ही योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी।
GB Singh