हिंदू धर्म में पंचांग और ग्रह नक्षत्रों को विशेष महत्व है। हर तरह के धार्मिक कार्यों के लिए पंचांग और नक्षत्रों की नब्ज जरूर टटोली जाती है ताकि किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। शुभ कार्यों के लिए विशेष दिन देखे जाते हैं। हालांकि कुछ दिन और मास ऐसे होते हैं जब शुभ कार्यों पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाता है। यह राशियों और ग्रहों के डूबने पर होता है। वहीं, 14 मार्च से खरमास भी लग रहा है। इस दौरान किसी प्रकार का शुभ काम नहीं होता है। आइए जानते हैं।
14 मार्च से लग गया खरमास
सूर्य के राशि बदलते ही खरमास लगता है। यह इस बार 14 मार्च से लग गया है। इस दौरान आप पूजा-पाठ तो कर सकते हैं लेकिन किसी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। यह पूरे एक माह तक लगा रहेगा। खरमास के दौरान अगर सिर्फ भगवान का ध्यान करते हैं तो यह अच्छा होता है। मांगलिक कार्य न करें। कहा जाता है कि सूर्य, गुरु की राशि धनु और मीन में होती है तो उसे खरमास कहा जाता है। सूर्य 14 मार्च को रात ढाई बजे कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। अब यह 30 दिन तक रहेगा।
किन कार्यों पर प्रतिबंध
खरमास में कुछ विशेष कार्यों पर प्रतिबंध है। इसे नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि अब गुर्वादित्य योग शुरू हुआ है इसलिए कुछ संयम बरतना जरूरी है। इस दौरान न तो शादी करें और न ही गृह प्रवेश। मुंडन और व्रत उपवास की शुरुआत भी इस माह न करें। अगर किसी व्रत का उद्यापन कना है तो वह भी न करें। इस महीने दान करें जिसका अधिक महत्व है। इस समय कपड़े और गहने खरीद सकते हैं लेकिन पहने नहीं। यह सब खरमास के बाद पहनें। तामसिक भोजन एक माह तक न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करने पर अच्छा होता है।
GB Singh