नई दिल्ली: #KisanKrantiYatra अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे सैकड़ों किसानों को पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करते हुए उनको दिल्ली के अंदर घुसने से रोका लिया। साथ ही पानी की बौछारें और हवाई फायरिंग की गई और प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा के पास से तितर.बितर कर दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले अपनी 15 सूत्री मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से नौ दिन पहले चले किसान मंगलवार की सुबह से राजधानी दिल्ली घुसने के लिए अमादा है। वह दिल्ली- यूपी बॉर्डर पर करीब 20 हजार की संख्या में डटे हुए हैं। उधर दूसरी तरफ इन किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में दिल्ली से लगती सीमा के पास पुलिसबल को तैनात किया गया है। साथ हीए कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई है। प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रसिडेंट नरेश टिकैत ने कहा. क्यों हमें यूपी.दिल्ली सीमा पर रोका जा रहा हैघ् अनुशासन के साथ रैली की जा रही है।
अगर हम अपनी समस्या सरकार से नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगेघ् क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश जाएंगे। उधरए किसानों पर बल प्रयोग के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवल ने सवाल उठाते हए कहा कि इन प्रदर्शनकारी किसानों को आखिर क्यों रोका जा रहा हैघ् केजरीवाल ने कहा कि यह गलत है। हम किसानों के साथ है।
जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के प्रदर्शन को बिल्कुल जायज करार दिया है। अखिलेश ने कहा कि किसानों के साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। ऐसे में किसान प्रदर्शन करेंगे।
इससे एक दिन पहले सोमवार की रात को भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की। लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही। गौरतलब है कि इन प्रदर्शनकारियों की स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करनेए बढ़ी हुई बिजली की दरें वापस लेने और 10 साल से ऊपर की डीजल गाडिय़ों पर प्रतिबंध हटाने समेत कई मांगे हैं।
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