नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले #KisanKrantiYatra दिल्ली के किसान घाट पहुंचकर बुधवार को देर रात को खत्म हो गई। मंगलवार यानि 2 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पहले दौर की वार्ता विफल हो जाने के बाद यूपी गेट पर डेरा डाले करीब तीस हजार किसानों को मंगलवार देर रात एक बजे दिल्ली पुलिस ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट या किसान घाट जाने की अनुमति दे दी। आधी रात में यूपी गेट पर लगाए गए बैरिकेड हटा लिए गए। पुलिस ने पैदल किसानों को बसों में भरकर चौधरी चरण सिंह के स्मृति स्थल किसान घाट तक भेजने का प्रबंध किया। जहां पहुंचकर किसानों ने आंदोलन को खत्म किया।
दिल्ली के किसान घाट जाने की अनुमति मिलने की ख़बर सुनकर किसान खुशी से नाचने लगे। अपने प्रोटेस्ट के आगे सरकार को झुकते देख किसान ने ट्रैक्टरों में भरकर किसान घाट की तरफ कूच किया। हजारों की संख्या में ट्रैक्टर, टेम्पो और गाडिय़ों में सवार किसान अक्षरधाम को पार करते चले गए। देर रात करीब 1 बजकर 45 मिनट में हजारों की संख्या में किसान राजघाट से होते हुए किसान घाट पहुंचें। यहां पर भी भारी पुलिस बल तैनात था। करीब 3 बजे किसान घाट पहुंचकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की।
जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मांगीं और सरकार के रवैये से बेहद निराश है। वहीं किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे दिए गए समय पर पूरा करें वरना दिल्ली दूर नहीं है। आपको बता दें कि इससे पहले दिन में यूपी गेट पर दिल्ली पुलिस के साथ किसानों की झड़प हुई।
किसानों ने ट्रैक्टर चढ़ाकर बैरिकेड तोड़ दिए। उन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को बल प्रयोग करन पड़ा और रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। झाडिय़ों से दिल्ली में घुसने का प्रयास कर रहे किसानों पर लाठियां भी भांजीं। इस दौरान कई किसान चोटिल भी हुए। वहींए दिल्ली पुलिस के एक एसीपी समेत सात पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान केंद्र व राज्य के मंत्री और आला अफसर भी किसानों की मान मनौव्वल में जुटे रहे।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री व प्रदेश के मंत्रियों ने मौके पर आकर सरकार की ओर से आश्वासन भी दिया लेकिन किसानों ने विरोध जताते हुए उनकी ओर जूता उछाल दिया। आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हरिद्वार से किसान क्रांति यात्रा लेकर चले किसानों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की जिला गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा इंतजाम किए थे।
दिल्लीी पुलिस ने यूपी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया था। किसानों ने जब प्रदर्शन उग्र और बैरिकेडिंग तोडऩे की कोशिश की तो पुलिस ने किसानों पर बल प्रयोग करते हुए रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले किसानों पर फेंके और लाठियां भांजी। किसानों का ये आंदोलन कुल 11 मांगें थी लेकिन सरकार ने अब तक सात मुद्दों पर हामी भरी है जिनमें से चार मुद्दे अभी भी अटके हैं।