मानसून वकेशन पर जाना है, तो मजेदार रहेगा ‘पंचगनी का सफर’

ठंडी हवाएं, काले बादल और हल्कीहल्की बारिश.. यार मानसून का मज़ा ही कुछ और होता है. मई, जून की भद्दर गर्मी की तपिश बारिश की एक बूंद से दूर हो जाती है तो क्यों न ऐसे मौसम में एक ट्रिप प्लान कर लें. आपके लिए मुंबई से कुछ ही दूरी पर मौजूद पंचगनी हिल स्टेशन बेस्ट आप्शन है. यहां के मनोरम दृश्यों और खूबसूरत झीलों के आसपास घूमने के बाद यक़ीनन आप हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को भूल जाएंगे. समुद्र से लगभग 13 सौ से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद ये हिल स्टेशन सह्याद्री पर्वत की पांच पहाड़ियों की वजह से और भी ख़ास है. पंचगनी में हम आपको घूमने के लिए कुछ अद्भुत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप बरसात के मौसम में घूमने के लिए जा सकते हैं

कास पठार  समुद्र तल से लगभग 12 सौ मीटर की ऊंचाई पर मौजूद ये खूबसूरत जगह अनेकों प्रकार के फूलों और तितलियों की कई किस्मों के लिए जानी जाती है. ये जगह कास प्लैट्यू ऑफ़ फ्लावर्स के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इस पठार के चारों तरफ मौजूद झील इस जगह को सैलानियों के लिए और भी खास बनाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कास पठार यूनेस्को के विश्व प्राकृतिक धरोहर में भी शामिल है. अगर आप प्राकृतिक सुंदरता और वनस्पतियों के मनोरम दृश्यों को देखना चाहते हैं, तो यहां ज़रूर पहुंचें.

भिलार वॉटर फॉल पॉइंट  कास पठार घूमने के बाद भिलार वॉटर फॉल पॉइंट एक बेहतरीन जगह है. ये झरना बरसात से लेकर सर्दियों के मौसम तक सैलानियों को बेहद ही आकर्षित करता है. इस झरने के आसपास मौजूद हरियाली और अनेकों प्रकार के पेड़पौधे और फूल यक़ीनन आपका मन मोह लेंगे. झरने के साथसाथ ये जगह एक व्यू पॉइंट के रूप में भी प्रसिद्ध है. सूर्यास्त और सूर्योदय के दौरान इस जगह के आसपास के नज़रों को देखने के बाद यक़ीनन प्रकृति में खो जाने का मन करेगा.

टेबल लैंड  एशिया में इससे लंबा कोई पठार नहीं है. जी हां, एशिया के सबसे लंबे पठार पर घूमने का एक अलग ही मज़ा है. लगभग 95 एकड़ में फैली ये जगह सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य के लिए पूरे महाराष्ट्रा में फेमस है. इस जगह आप घुड़सवारी से लेकर ट्रेकिंग, आर्केड गेम जैसी कई गतिविधियों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं. इस जगह को मुख्य रूप में पिकनिक के लिए खूब पसंद की जाती है. यहां आप पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं.

राजपुरी गुफाएं  प्राचीन काल से महाराष्ट्र और इसके आसपास की जगहें कई गुफाओं के लिए आज भी प्रसिद्ध है. पंचगनी हिल स्टेशन से कुछ ही दूरी पर मौजूद राजपुरी गुफाएं पांडवों से सम्बंधित है. जी हां, कहा जाता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने इन्हीं गुफाओं में कुछ दिन रुकने का आश्रय लिया था. ये गुफा कई पवित्र कुंडों से घिरी हुई है, जो सैलानियों के लिए खास भी है. पौराणिक मान्यता है कि इस कुंड का पानी कई रोगों को आसानी से ठीक कर देता है.

By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव

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