टोक्यो ओलंंपिक इन दिनों अभी भी लोगों की जुबान पर छाया हुआ है। वहीं भारत में तो टोक्यो की बातें अब भी जारी हैं आखिर देश के खिलाड़ियों ने इस बार सबसे अधिक 7 मेडल जीत कर पदक तालिका में देश को और ऊपर स्थान जो दिला दिया है। हालांकि इस बार ओलंपिक में कई उलटफेर हुए हैं जिनमें से एक की मदद से नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया है। तो चलिए जानते हैं कि इस बार ओलंपिक में आखिर क्या उलटफेर हुए हैं।
नाओमी ओसाका के साथ हुआ ये उलटफेर
जापान की 23 साल की टेनिस स्टार ने उद्घाटन समारोह में काॅल्ड्रन जलाया था। वे टेनिस के खेल में फीमेल सिंगल्स की प्रबल दावेदार थीं हालांकि समय का उलटफेर कुछ ऐसा हुआ कि वे गोल्ड नहीं जीत पाईं। वे गणराज्य की माकेर्टा वोंद्रोसोवा से तीसरे चरण में ही हार गईं और आगे नहीं बढ़ पाईं। बता दें कि माकेर्टा दुनियाभर में 42वें स्थान पर हैं और नाओमी दूसरे नंबर की खिलाड़ी हैं। माकेर्टा ने कांस्य जीता पर नाओमी को टूर्नामेंट से बिना पदक वापिस लौटने पर मजबूर कर दिया।
टेनिस स्टार नोवाक भी गोल्ड से चूके
बता दें कि हाल ही में नोवाक जोकोविच ने विंबलडन का खिताब अपने नाम करने के बाद टोक्यो ओलंपिक के मैदान पर उतरे थे । वे टेनिस मेल सिंगल्स इवेंट में ओलंपिक में उतरे हैं। वे सेमीफाइनल तक तो पहुंच गए थे पर जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने उन्हें सेमीफाइनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया और खुद मैच जीत लिया। जिस वजह से दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी को ओलंंपिक से बिना पदक के ही लौटना पड़ा।
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जोहान्स रह गए पर नीरज ने मारा मौके पर चौका
स्वर्ण पदक की उम्मीद में जोहान्स वेटर टोक्यो ओलंपिक पहुंचे और भाला फेंक प्रतियोगिता का हिस्सा बने। इस प्रतियोगिता में 12 प्रतिभागी शामिल रहे। जोहान्स बेहद खराब प्रदर्शन करने के कारण टॉप 8 प्रतिभागियों में भी नाम दर्ज कराने में असफल रहे थे और फाइनल में नहीं पहुंच पाए। वे 9वें स्थान पर आए थे। 28 साल के जोहान्स ने 82.52 मीटर भाला फेंका था और अगले दो प्रयासों में फाउल के चलते वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और टूर्नामेंट से बाहर हो गए। इसके चलते भारत के नीरज चोपड़ा को गोल्ड जीतने का मौका मिल गया।
ऋषभ वर्मा