स्नान-दान का पर्व है गंगा दशहरा, जानें इसका महत्त्व व पूजन विधि

भारत में हर पर्व का अलग ही महत्व है. शास्त्रों और हिन्दू परम्पराओं के अनुसार कई पर्व है और सब अपना अलग ही महत्त्व रखते हैं. ऐसे ही एक पर्व है गंगा दशहरा. जैसे की नाम से जान पड़ रहा है इस पर्व में मां गंगा की विशेष पूजा की जाती है. ये पर्व हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार गंगा दशहरा का त्यौहार 20 जून रविवार को मनाया जाएगा.

इस दिन मुख्य रूप से पवित्र नदियों में स्नान करना महत्त्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं क्या है गंगा

दशहरा का महत्व, कब और कैसे मनाएं ये पर्व
गंगा दशहरागंगा दशहरा एक पावन त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. आमतौर पर ज्येष्ठ का महीना जून के महीने में होता है. इस दिन भक्तों का पवित्र नदी में स्नान करना शुभ फल देता है. मान्यता यह भी है कि यदि किसी वजह से नदी में स्नान कर पाना संभव न भी हो तब भी स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करना लाभकारी होता है और इससे भी पापों से मुक्ति मिलती है.

गंगा दशहरा का महत्वमान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा मां की आराधना और नदी में स्नान करने व्यक्ति को दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. गंगा ध्यान एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है. यही नहीं स्नान मात्र से सभी कष्टों से मुक्ति के साथ पुण्य फलों की प्राप्ति भी होती है.

पवित्र नदी में स्नान शुभहिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आईं थीं. तभी से माता गंगा को पूजने की परंपरा चली आ रही है. गंगा माता के अवतरण दिवस के रूप में इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन नदी में डुबकी लगाना अत्यंत शुभ होता है. मुख्य रूप से काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा माता का मुख्य रूप से पूजन और आरती की जाती है.

दीपदान किया जाता है गंगा दशहरा के दिन नदी में मुख्य रूप से दीपक प्रवाहित किये जाते हैं और इस दिन पितरों को याद करके दीपक प्रज्ज्वलित करना भी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन पितरों को याद करने से देवताओं के साथ पितर भी प्रसन्न होते हैं और कृपा दृष्टि बनी रहती है. शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दें.

कैसे करें पूजन इस दिन सुबह जल्दी उठें और घर में स्नान कर रहे हैं तो पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. यदि संभव हो तो नदी में स्नान जरूर करें. स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर नमन करें. ओम् श्री गंगे नमः मंत्र का उच्चारण मां गंगा का ध्यान करें. गंगा मां की पूजा के बाद गरीब, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दें. दान के रूप में आटा , दाल चावल या धन देना शुभ होता है.

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