ग्रहों की कब बनती है उल्टी चाल, क्या है ये वक्री ग्रह

ग्रहों की कब बनती है उल्टी चाल

हमारे साथ दिन प्रतिदिन घटने वाली घटना को घटनाक्रम राशियों के मुताबिक होता है और राशि का चक्र ग्रहों के मुताबिक ही घूमता है। हमारे साथ अच्छा बुरा जो भी हो रहा है वह ग्रहों की चाल से ही हो रहा है। तो ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी होता है कि हमारा जो ग्रह है वह किस चाल में चल रहा है। कभी-कभी ग्रहों की उल्टी चाल हम पर भारी पड़ जाती है। बाद अगर ग्रहों की स्थितियों की करें तो ग्रहों की गति के आधार पर तीन स्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें जानना बहुत जरूरी होता है। वह स्थितियां हैं मार्गी वक्री और अतिचारी।
ग्रह जब अपनी चाल से सामान्य चाल में होता है तो उसे मार्गी कहते हैं। और जब यह तीव्र गति से चलने लाता है तो उसे आती चारी कहते हैं, इसके साथ ही जब ग्रह इसी तीव्रता के साथ उल्टा चलने लगता है तो इसे वक्री कहते हैं। यह सिर्फ आभास है वस्तुतः वह तो अपनी क्रिया में ही चल रहे होते हैं।

*वक्री ग्रहों का क्या परिणाम होता है*

अगर आपकी कुंडली में ग्रहों की चाल वक्र हो गई है यानी कि टेढ़ी हो गई है तो उसका परिणाम भी बदल जाता है। माना जाता है कि जब ग्रह वक्र दृष्टि में या वक्त चाल में चलने लगता है तो उसका रिजल्ट भी उल्टा आने लगता है। इस स्थिति में एक के साथ दो भावों को प्रभावित करता है। जिसके तहत इसका प्रभाव कई सारे भागों में देखने को मिलता है।
*वक्री ग्रह अपने सामान्य* स्थिति की तुलना में और ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं। आपको यह भी जानना जरूरी है कि सूर्य और चंद्रमा कभी वक्र नहीं होते हैं। वही बात अगर राहु और केतु कोई करें तो यह हमेशा वक्र दृष्टि में ही रहते हैं।

*मंगल ग्रह जब वक्र हो*

मंगल ग्रह को शक्तिशाली ग्रह माना गया है। लेकिन जब यह वक्र होता है तो इसका असर व्यक्ति पर दिखाई देता है। जैसे कि वक्र मंगल पर व्यक्ति चालाक हो जाता है। किसी भी तरह वह धन की लालसा और कमाने की होड़ में लगा रहता है। अगर खराब रहोगी स्थिति हो तो वही व्यक्ति दरिद्र और स्वार्थी भी हो जाता है। अगर वक्री बुध दुष्प्रभाव दे दो याद रखें बुधवार के दिन हरी चीजों का दान करना चाहिए।

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