ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे नौ ग्रह होते हैं। हर नौ ग्रहों का अपना एक स्थान होता है। सभी ग्रह शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देते हैं। जातकों की कुंडली देखने के बाद ही यह पता चल पाता है कि जातक की कुंडली में कौन से ग्रह का प्रभाव चल रहा है और ग्रह स्वामी कौन है।
कुंडली को देखने के बाद ही ज्योतिष शास्त्र आपको यह बताता है कि कौन सा ग्रह आपका अच्छा चल रहा है या खराब चल रहा है इसका क्या फल आपको मिल सकता है। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिन्हें आप बिना कुंडली के भी आसानी से जान सकते हैं।
चलिए जानते हैं बिना कुंडली के आप कैसे जानेंगे कि आपका ग्रह कौन सा खराब चल रहा है और कौन सा अच्छा चल रहा है।
सूर्य
सबसे पहले बात तो सूर्य ग्रह की करेंगे क्योंकि सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। जातक की कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति अच्छी नहीं है या खराब है तो उन्हें बचपन से अपने पिता से मतभेद होने के लक्षण आप साफ तौर पर देख सकते हैं छोटी-छोटी बातों में दोनों में अनबन हो ना से भी आप पता लगा सकते हैं। इस तरह के जातकों के शरीर में कुछ ना कुछ त्वचा से संबंधित रोग पैदा होते हैं।
ह
चंद्रमा
जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होते हैं माता का स्वास्थ्य बिगड़ रहता है और इस तरह के जातक हमेशा कल्पनाशील रहते हैं।
मंगल
अगर जातक की कुंडली में मंगल ग्रह खराब है तो व्यक्ति का स्वभाव क्रूर और हिंसक हो जाता है और ऐसे जातकों में आत्मविश्वास कमजोर पाया जाता है।
बुध
जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह खराब होते हैं खुद को वाणी का देवता कहा जाता है ऐसे जातक नशे और जुए के आदी हो जाते हैं।
गुरु
अगर किसी जातक के विवाह में देरी और शिक्षा में बाधा आते हो या कम उम्र में ही बाल गिरने लगते हैं ऐसी बीमारी अगर सामने आ रही है तो कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होते हैं।
शुक्र
अगर जातक की कुंडली में शुक्र खराब है तो ऐसे जातकों को प्रेम में सफलता नहीं मिलती है और त्वचा संबंधित बीमारियां भी लगी रहती है।
शनि
अगर जातक की कुंडली में शनि का भाव सही दिशा में या स्थान पर नहीं है तो लाख प्रयासों के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है और ऐसे जातक कर्ज में डूबे रहते हैं।
राहु
जन्म कुंडली मैं राहु शुभ नहीं होते ऐसे जातक अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं कर पाते और उनके नाखून आगे निकले रहते हैं। अगर ऐसे जातक स्वान का पालन करते हैं तो वह मर जाते हैं।
केतु
केतु के कमजोर होने से जोड़ों में दर्द और मूत्र संबंधित बीमारियां भी लगी रहती है केतु का प्रभाव अच्छा नहीं कहा जा सकता है।