आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए मैच विनिंग परफॉर्मेंस देने वाले राहुल चाहर का एक ही सपना है की वो भी अपने भाई दीपक चाहर की तरह इंडिया की जर्सी पहन क्रिकेट खेलने को मिले पर कई नजदीकी मौके आने के बाद भी वो बस एक कदम से चूक जाते हैं। अपना सपना पूरा न होने की वजह वो कप्तान विराट कोहली को मानते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर पूरा मामला है क्या और वो अपना सपना पूरा न होने की वजह विराट को आखिर क्यों मानते हैं।
रोहित शर्मा को है इस खिलाड़ी पर भरोसा
राहुल आईपीएल में मुंबई के मेन स्पिनर बॉलर के रूप में खेलते हैं। मुंबई के रोहित शर्मा को अपने इस बॉलर पर काफी भरोसा भी हैं। वो राहुल को सारे मैच खेलने का मौका देते हैं। जब भी कप्तान रोहित को विकेट की दरकार होती है तो राहुल उन्हें विकेट निकाल कर देते भी हैं। हालांकि राहुल का पिछले 8 सालों से एक ही सपना है जो उनके काफी नजदीक तो आया पर पूरा नहीं हो पाया।
राहुल का ये है सपना
राहुल ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने अपना एक सपना अपने सभी क्रिकेट फैंस के साथ शेयर किया था। दरअसल राहुल पिछले 8 साल से इंडिया की टेस्ट जर्सी पहन कर लाल रंग की बाल के साथ इंडिया के प्रतिनिधित्व का सपना देख रहे हैं। हालांकि राहुल का ये सपना अभी भी एक सपना ही है। राहुल ने नीली जर्सी में भारत के लिए टी 20 क्रिकेट मैच खेले हैं। राहुल ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। अभी तक राहुल ने भारत के लिए 3 इंटरनेशनल टी 20 मैच खेले हैं जिसमे वो 95 रन देने के साथ 3 विकेट झटकने में कामयाब रहे हैं।
सपने के करीब तक पहुंच कर रह गए थे दूर
ऐसा नहीं है की राहुल को कभी मौका नहीं मिला। इंग्लैंड के साथ हुई टेस्ट मैचों की सीरीज में राहुल का भी नाम शामिल था। राहुल ने इंटरव्यू में कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने सपने के काफी करीब था लेकिन वो पूरा नहीं हो पाया था। तब उन्होंने कहा था कि अपने सपने के लिए और ज्यादा बेहतर खिलाड़ी बनुगा और मेहनत करूंगा।
कोहली बन गए थे रास्ते का कांटा
इंग्लैंड के साथ हुई पिछली सीरीज में स्पिनर अक्षर पटेल के चोटिल होने की वजह से शाहबाज नदीम और राहुल चाहर को टीम में शामिल किया गया था पर कोहली ने अंतिम एकादश में नदीम को राहुल से पहले शामिल कर लिया था। जिस वजह से राहुल का सपना टूट गया था। हालांकि राहुल अभी 21 साल के ही हैं और अपने सपने को पूरा करने का उनके पास अभी काफी वक्त है।
ऋषभ वर्मा