सुरक्षित भविष्य के लिए तमाम तरह की योजनाएं लांच करने वाली एलआइसी यानी भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड हमेशा लोगों की भरोसेमंद रही है। बीमा पॉलिसी के नाम पर अधिकतर भारतीयों की पहली पसंद एलआइसी है और वे इसमें निवेश भी करते हैं। इसलिए समय-समय पर एलआइसी शानदार स्कीम लाकर अपने ग्राहकों को निवेश के लिए आकर्षित करती है। इस बार जो निवेश प्लान एलआइसी की ओर से प्रचारित किया जा रहा है उसमें एक बार प्रीमियम भरके छुट्टी पा सकते हैं और रिटर्न भी अच्छा मिलेगा। आइए जानते हैं क्या है प्लान।
निवेश के साथ बीमा भी
इस स्कीम में लंबे समय तक शानदार रिटर्न मिलता है। यह एलआइसी का निवेश प्लस प्लान है। इसमें आप निवेश के साथ-साथ बीमा भी करवा सकते हैं। आप हर महीने किस्त न चुकाकर एक बार में प्रीमियम भर सकते हैं। यह एक तरह की सिंगल प्रीमियम, नॉन पार्टिसिपेटिंग, यूनिट लिंक्ड और व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी के तहत ही आती है। आप चाहे तो कम निवेश करके भी इस स्कीम के जरिए अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे। आप प्लान के लिए एलआइसी के किसी एजंट से या फिर आनलाइन भी संपर्क कर सकते हैं। पॉलिसी चुनने पर बेसिक सम एश्योर्ड चुनने की सुविधा मिलेगी।
फंड चुनने का मिलेगा विकल्प
एलआइसी के निवेश प्लान की खासियत यह है कि आप इसमें अपनी पसंद का फंड चुन सकते हैं, ताकि आप उसमें निवेश कर पाएं। इनमें बॉन्ड फंड, सिक्योर्ड फंड, बैलेंस्ड फंड और ग्रोथ फंड मेंं किसी को भी चुनकर निवेश कर सकते हैं। स्कीम के लिए तीन माह से लेकर 70 साल तक के व्यक्ति के लोग पूरी तरह एलिजबल है। हालांकि अधिकतम मैच्योरिटी आयु 85 साल है। पॉलिसी का समय 10 से 35 साल है। पॉलिसी में न्यूनतम एक लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं। पांच साल के लिए लॉक इन समय भी इसके तहत है। इसमें आप पांच साल पहले पैसा नहीं निकाल सकेंगे।
यह है निवेश प्लस की खासियत
पॉलिसी के तहत अगर बीमाधारक टर्म तक जीवित है तो उसे यूनिट फंड मूल्य के बराबर मैच्योरिटी बेनिफिट मिलता है। ग्राहक अपनी पॉलिसी को फ्री लुक पीरियड के तहत वापस भी कर सकता है। जिसके तहत एक नियत समय के अंदर ग्राहक पॉलिसी को समझने के बाद उसे वापस कर सकता है। इसके तहत अगर पॉलिसी को कंपनी से खरीदेंगे तो 15 दिन और आनलाइन खरीदेंगे तो 30 दिन का फ्री लुक पीरियड मिलेगा। बीमा धारक की पॉलिसी के दौरान ही मृत्यु होती है तो नॉमिनी मृत्यु के बाद मिलने वाले फायदे से वंचित नहीं होगा। पॉलिसी में बीमाधारक को छह साल में प्रवेश करते ही आंशिक निकासी की अनुमति मिल जाएगी। स्कीम में सिंगल को गारंटी एडिशन के तौर पर फीसद में जोड़ा जाता है। जो पॉलिसी वर्षों के अंत में यूनिट फंड में जोड़ा जाएगा। पॉलिसी को छह साल में बंद करने पर तीन फीसद, दस साल में बंद करने पर चार फीसद, 15 साल में बंद करने पर पांच फीसद, 20 साल में बंद करने पर छह फीसद और 25 साल में बंद करने पर सात फीसद गारंटी एडिश्ना को आबंटित अतिरिक्त इकाइयों में बदला जाएगा। इसके तहत जिस तरीख से पॉलिसी ली गई होगी उसमें यह जोड़ा जाएगा।
GB Singh