ये बैंक हुए हैं शामिल
जिन दस मर्चेंट बैंकों के शामिल होने की बात कही जा रही है उनके नामों की घोषणा हो गई है। एलआईसी की ओर से यह नाम सोशल मीडिया पर जारी किए गए हैं। मर्चेंट बैंक के आवेदन मांगे वाले डिपार्टमेंट आॅफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट के सचिव ने यह जानकारी साझा की है। सरकार ने बुक रनिंग लीड मैनेजर व अन्य सलाहकारों को नियुक्त भी कर लिया गया है। इन दस मर्चेंट बैंकों में गोल्डमैन, नोमुरा, सिक्योरिटीज इंडिया, एसबीआई कैपिटल, जेएम फाइनेंसिशयल, एक्सिस कैपिटल, बैंक आॅफ अमेरिका सिक्योरिटीज, जेपी मोर्गन, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और कोटक महिंद्रा कैपिटल शामिल हैं। ये सभी काफी मजबूत और खास हैं जो काफी समझ रखते हैं।
एलआईसी कानून बदलकर मिल सकती है विदेशी निवेश को मंजूरी
विनिवेश विभाग ने 15 जुलाई को मर्चेंट बैंक के आवेदन मांगा था। इनवेंस्ट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट हिस्सेदारी बेचने के चलिए कानूनी सलाहकार भी जल्द नियुक्त होंगे। इसके लिए 16 सितंबर तक बिड जमा होंगे। बताया जा रहा है कि सरकार एलआइसी में विदेशी निवेश को भी सरकार मंजूर कर सकती है। यह 20 फीसद हिस्सा हो सकता है। सेबी के नियम के मुताबिक यह जायज है। हालांकि इसके लिए एलआईसी कानून को बदलना होगा। यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा जिसमें 80 से 90 हजार सरकार जुटा सकती है।
क्या है मर्चेंट बैंक
मर्चेंट बैंक के बारे में कम लोगों को जानकारी है। बता दें कि जो कंपनी आईपीओ लाती है उसमें मर्चेंट बैंकों की भूमिका ज्यादा होती है। ये बैंक नियम कायदे काफी अच्छे से जानते हैं जो आईपीओ को बिना किसी विवाद में उलझे आसानी से जारी होने देती है। वैसे आईपीओ लाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। इसलिए कंपनियां मर्चेंट बैंक को आगे कर यह काम आसान करती हैं। कोई भी नया व्यापार करने के लिए उसके समझ के लोग होने चाहिए यही चीज आईपीओ के मामले में मर्चेंट बैंक करता है। इसके बदले उसे पैसे मिलते हैं। दूसरी भाषा में जानें तो यह एक वित्तीय संस्था है जो मुद्रा बाजार की गतिविधियों, सलाह, कर्ज और निवेश की सेवाओं को आसानी से बनाने के लिए समस्याओं का समाधान करते हैं। इनके पास कुशल कर्मचारियों की टीम होती है।
GB Singh