पटना: बिहार में शराबबंदी कानून बनाने वाली नीतीश सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है। नीतीश सरकार ने बिहार में शराबबंदी को लेकर कानून में कई अहम बदलावों को कैबिनेट मंजूरी दे दी है। इन बदलावों के बाद एक समय वाकई में काफी सख्त दिखता यह कानून की धार आज पहले जैसी नहीं रह गई है।
कभी शराब को लेकर काफी सख्ती दिखाने वाले नीतीश की इस नई नरमी के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। नीतीश की इस नरमी से एक तरफ जहां विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिला है वहीं इन आरोपों पर भी मुहर लगती दिख रही है कि कानून को दुरुपयोग हो रहा था। बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र 20 जुलाई में इस संशोधन बिल को पेश किया जाएगा।
2019 के चुनावी रण में बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग की जद्दोजहद में फंसी नीतीश सरकार ने कानून में सबसे अहम क्या बदलाव किए हैं। विपक्ष नीतीश कुमार की शराबबंदी के फैसले के बाद से ही लगातार हमलावर बना रहा।
विपक्ष के लगातार दबाव के बाद सीएम नीतीश कुमार ने भी स्वीकार किया था कि इस ऐक्ट के कुछ प्रावधानों का दुरुपयोग हुआ। तब उन्होंने इसमें संशोधन करने की बात कही थी, जिन्हें बुधवार को कैबिनेट ने मंजूर भी कर लिया। विपक्ष के नेताओं का आरोप था कि शराबबंदी की आड़ में दलितों और पिछड़ों को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अबतक 1.5 लाख लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।