गोरखपुर में पांच नए लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसमें एक खूनीपुर, एक शाहपुर के धर्मपुर व तीन ब्रह्मपुर के निवासी हैं। अब जिले में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 278 हो गई है। 185 ठीक होकर घर जा चुके हैं। 11 की मौत हो चुकी है। 82 मरीजों का इलाज चल रहा है।
खूनीपुर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति को लिवर में सूजन था। वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं, कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है। शाहपुर के धर्मपुर निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति पूर्व में संक्रमित मिले रेलकर्मी के परिवार के हैं। ब्रह्मपुर के बोहाबार निवासी 35 वर्षीय युवक बेंगलुरु से 21 जून को आया था। इसी क्षेत्र के लालपुर निवासी 65 वर्षीय व्यक्ति गुजरात से 20 जून और रामपुरा निवासी 24 वर्षीय युवक 21 जून को विदेश से लौटा है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चारों को कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
खूनीपुर मोहल्ला सील
खूनीपुर निवासी एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद मोहल्ले को सील कर सैनिटाइज किया गया। धर्मपुर पहले से ही सील है। वहां एक ही परिवार के तीन लोग संक्रमित मिल चुके हैं। साथ ही ब्रह्मपुर क्षेत्र के तीनों गावों को सील कर सैनिटाइज किया गया है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सभी संक्रमितों के स्वजनों के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। संपर्क वालों की भी तलाश की जा रही है।
मेडिकल कालेज में होने लगी कोरोना के दोगुने सैंपलों की जांच
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को दो आरएनए एस्ट्रक्टर मशीनें मिल गई हैं। इससे कोरोना संक्रमण के सैंपलों की जांच दोगुनी होने लगी है। पहले एक दिन में लगभग चार सौ सैंपलों की जांच होती थी। अब गुरुवार से आठ सौ सैंपलों की जांच होने लगी है। कोरोना जांच के पहले सैंपल से आरएनए अलग किया जाता है। पहले यह कार्य मैनुअल (हाथ से) किया जाता था। अब मशीन से होने लगा है। एक मशीन में एक बार 32 सैंपल लगते हैं। इस तरह एक साथ अब 64 सैंपलों से एक साथ आरएनए अलग किए जा सकेंगे। इसमें मात्र आधा घंटा लगेगा। पहले 16 सैंपलों से आरएनए एक साथ अलग किए जाते थे, इसमें 45 मिनट लगता था। इस तरह 64 सैंपलों से अलग करने में तीन घंटे लग जाते थे।
हमारे पास एक आरएनए एस्ट्रक्टर था। उसे क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान को दे दिया गया था। यहां मैनुअल कार्य होता था। अब दो मशीनें मिल जाने से कोरोना संक्रमण के सैंपलों की जांच में तेजी आ गई है। अब रोज दोगुने सैंपलों की जांच हो रही है।