पुंछ। जम्मू-कश्मीर के चार युवाओं ने आईआईटी में प्रवेश कर इतिहास रच दिया है। लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक गांव के चार युवाओं ने यह इतिहास रचा है। पुंछ के शिंद्रा गांव के चारों छात्रों ने इसी साल अलग-अलग आईआईटी में जगह पक्की की।
इन युवाओं का कहना है कि जम्मू-कश्मीर का युवा अब समझ गया है कि उनके हाथ में पत्थर देने वाले लोग उनका भला नहीं सोचते। इन छात्रों में उन्नीस साल के शाहिद अफरीदी, उस्मान हाफिज (17), हिलाल अहमद (19), और आकिब मुज्तबा (18) का इसी साल आईआईटी में सिलेक्शन हुआ है।
शाहिद आईआईटी कानपुर में कंप्यूटर सायेंस की पढ़ाई कर रहा है वहीं, आकिब भुवनेश्वर से मकैनिकल इंजिनियरिंग, उस्मान, आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग और हिलाल को आईआईटी पटना में दाखिला मिला है जहां वह कंप्यूटर सायेंस से इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
इन्हें मई में आईआईटी में दाखिले की खबर मिली थी। उसके दो महीने बाद ही आतंकी बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया था। ये चारों युवा इस बात की तस्दीक करते हैं कि केवल बुरहान वानी और पत्थर फेंकने वाले युवा ही कश्मीर का चेहरा नहीं हैं।
ये चारों युवा जम्मू और कश्मीर की नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सभी अपने राज्य के विकास के बारे में सोचते हैं, वहां रोजगार के अवसर की बात करते हैं और खुले तौर पर भारत का समर्थन करते हैं।
माता-पिता को है गर्व
इन छात्रों के माता-पिता को इन पर गर्व है। वे कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि उनके बेटे मिलिटेंसी की छाया से दूर रहे। हिलाल के पिता कहते हैं कि बचपन से हमने सिर्फ बंदूक की गोलियां सुनी थीं।
हमें गर्व है कि हमारे बच्चों ने आतंक के साये से दूर रहकर अपने वास्तविक करियर को चुना। वे अपने असली सपने को पूरा कर रहे हैं। इनमें से दो छात्रों ने गांव में रहकर ही अपनी पढ़ाई की है।