प्रयागराज स्थित मठ बाघमबारी गद्दी के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव फंखे से लटकता मिला था। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है। हालांकि, कुछ लोगों को इस पर यकीन नहीं है और वे इसे उनके शिष्य आनंद गिरि से भी जोड़कर देख रहे हैं।
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा शक किसी पर है तो उनका शिष्य आनंद गिरी है, जिसपर अपने गुरु और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। फिलहाल आनंद गिरी पुलिस कस्टडी में है, लेकिन आनंद गिरी का पैतृक गांव राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित हैं। उनके परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं कि आनंद अपने गुरु के साथ ऐसा कर सकता है।
आनंद गिरि के सबसे बड़े भाई भंवर का दावा है कि 13 साल की उम्र में आनंद गिरि, भीलवाड़ा में घर छोड़ चुके थे, वो ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो किसी की हत्या में शामिल हो सकते हैं। भाई भंवर और आनंद गिरि के
रिश्तेदार इस घटना से बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा “हमारे परिवार का कोई भी सदस्य किसी की हत्या में शामिल नहीं हो सकता।”
चार भाई हैं आनंद गिरि
आनंद गिरि चार भाई हैं, उसमें भंवर आइसक्रीम बेचते हैं, वहीं दो अन्य भाई सूरत में काम करते हैं। आनंद गिरि के गांव में किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि आनंद इस तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं। बड़े भाई भंवर का दावा है कि 13 साल की उम्र में आनंद अपना घर परिवार त्यागकर गुरु नरेंद्र गिरि के पास रहने लगे थे। आनंद को किसी साजिश का शिकार बनाया जा रहा है। आनंद आत्महत्या या हत्या के लिए किसी को भड़का नहीं सकता, यह मुझे पूर्णविश्वास है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features