Makar Sankranti: इस बार माघ में बन रहे हैं ये 7 'महासंयोग', जानिए किसे मिलेगा ये शुभ संकेत

Makar Sankranti: इस बार माघ में बन रहे हैं ये 7 ‘महासंयोग’, जानिए किसे मिलेगा ये शुभ संकेत

हिंदू धर्मं में माघ महीना पवित्र माना जाता है. इस महीने स्नान, ध्यान और दान का बहुत महत्व है. पूजा उपासना से बहुत लाभ होता है. माघ का महीना भारतीय संवत्सर के हिसाब से 11वां चंद्र मास और दसवां सौर मास है. हिंदू पंचाग को अगर अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक़ देखें तो इस बार 2 जनवरी से 31 जनवरी तक कि अवधि माघ महीना की है. मान्यता है कि माघ में गंगा या नदियों में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. दान करने से तमाम पापों का नाश होता है. जनवरी में पुण्य स्नान के ऐसे ही सात महासंयोग बन रहे हैं.Makar Sankranti: इस बार माघ में बन रहे हैं ये 7 'महासंयोग', जानिए किसे मिलेगा ये शुभ संकेतआइए जानते हैं माघ में पड़ने वाले 7 शुभ संकेतों के बारे में…

शुक्रवार, 12 जनवरी- षटतिला एकादशी : इस दिन तिल के जल से स्नान, तिल का हवन, तिल का उबटन और तिल के पानी को पीने का विशेष महत्व है. तिल का दान करने का भी काफी अच्छा फल मिलता है. माना जाता है कि इससे सभी पापों का नाश होता है.

रविवार, 14 जनवरी, मकर संक्रांति: इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने पर कुछ ज्योतिषीय मतभेद हैं. कुछ इलाकों में इस बार 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति मनाई जा सकती है. मकर संक्रांति को पवित्र स्नान के बाद तिल का दान करना चाहिए. खाने में तिल से बने पकवान का इस्तेमाल करना चाहिए.

मंगलवार, 16 जनवरी, मगही अमावस्या: इसे कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या भी कहते हैं. ये तिथि अत्यंत पवित्र होती है. इसे पितरों के तर्पण का दिन माना जाता है. इस दिन त्रिवेणी संगम या गंगा में स्नान करने की परंपरा है. स्नान के बाद तिल के लड्डू, तिल का टेल, आंवला और कपड़ों का दान करना चाहिए. 

सोमवार, 22 जनवरी, बसंत पंचमी : इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन केसरिया चावल के भोग लगाने का विशेष फल मिलता है.

बुधवार, 24 जनवरी, अचला सप्तमी: इस दिन सूर्य देवता को जल चढ़ाकर विशेष पूजा की मान्यता है. भगवान कृष्ण ने भी युधिष्ठिर को अचला सप्तमी का महत्व बताया था. मान्यता है कि इस तिथि पर स्नान, ध्यान, पितरों के तर्पण और सूर्य पूजा से पितरों को बैकुंठ मिलता है. इस दिन व्रत रखने से सालभर रविवार को रखे जाने वाले व्रतों के बराबर का पुण्य मिलता है.

शनिवार, 27 जनवरी जाया एकादशी : इसे भीष्म एकादशी भी कहते हैं. इस दिन सूर्यास्त के समय तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए और भगवान् विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करणी चाहिए. इस दिन स्नान, ध्यान और पूजा से सारे पाप कट जाते हैं.

बुधवार, 31 जनवरी, माघी पूर्णिमा : इस दिन पूर्णिमा है और चंद्र ग्रहण भी रहेगा. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके गरीबों को दान करने का बेहद सुंदर फल मिलता है. माघी पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है. माना जाता है कि इस दिन चन्द्रमा अमृत की वर्षा करते हैं. इस दिन स्नान दान करने से सूर्य और चन्द्रमा से जुड़े सारे दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

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