राजग के प्रमुख सहयोगी हम के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एनडीए से अलग होने के संकेत दिये हैं। कहा कि जनहित में उनकी सरकार ने 34 महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दो-दो बार नई सरकार बनी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 फैसले को हूबहू लागू नहीं किया है। यदि आठ अप्रैल 2018 से पहले सभी फैसले लागू नहीं होते हैं, तब वे एनडीए में बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे।
मांझी ने सीएम नीतीश पर बरसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी के दवाब में काम कर रहे हैं। गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, छात्र-छात्राओं और देश के भविष्य की अनदेखी कर रहे हैं। अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों को सामान काम के लिए सामान वेतन नहीं मिल रहा है। हमने कहा था कि लड़की के कॉलेज (डिग्री) तक की पढाई निश्शुल्क करेंगे, लेकिन, आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के भविष्य छात्र-छात्राओं को कर्ज लेने की आदत डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र लाओ नौकरी पाओ का निर्णय गलत था। इससे गरीब के बच्चे प्रभावित हुए और उन्हें नौकरी नहीं मिली।
आठ अप्रैल को करेंगे फैसला
मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यकाल में जनहित में उनकी सरकार ने 34 महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दो-दो बार नई सरकार बनी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 फैसले को हूबहू लागू नहीं किया है। यदि आठ अप्रैल 2018 से पहले सभी फैसले लागू नहीं होते हैं, तब वे एनडीए में बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे।
पटना के गांधी मैदान में आठ अप्रैल को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की रैली होगी जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं व जनसमूह के आदेशानुसार एनडीए में रहने अथवा नहीं रहने पर फैसला लिया जाएगा। मांझी गुरुवार को त्रिवेणी सिंह बालिका उच्च विद्यालय मुजफरा कमतौल में गरीब चेतना रैली को संबोधित कर रहे थे।