भारतीय दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकाॅम 6 बार विश्व विजेता रह चुकी हैं और उनसे इस साल टोक्यो ओलंपिक में भारत को पदक की उम्मीद थी। बता दें कि एमसी मैरीकाॅम 51 किलो वर्ग में प्री क्वार्टर फाइनल में हार गईं। मैरीकाॅम कोलंबिया की इंग्रीट लोरेना विक्टोरिया के हाथों हार गईं और ओलंपिक पदक की रेस से बाहर हो गईं। हालांकि खास बात ये है कि 3 में से दो राउंड मैरीकाॅम ने जीते थे इसके बावजूद वो ओलंपिक से बाहर क्यों हुईं।
कैसे हार गईं मैरीकाॅम
मैरीकाॅम ने प्री क्वार्टरफाइल में तीन राउंड में से पहले राउंड में अपने नाम हार ही की। पहले राउंड में मैरीकाॅम 4-1 से मुकाबला हार गईं। दरअसल ओलंपिक कमेटी के पांच में से चार जजों ने 10-9 का स्कोर वालेंसिया को दे दिया। हालांकि बाद में पांच में से तीन जजों ने मेरीकाॅम के पक्ष में फैसला सुनाया फिर भी स्कोर वालेंसिया के पाले में ही रहा।
जब प्री क्वार्टरफाइनल से हो गईं बाहर
इसके बाद तीसरा राउंड हुआ जिसमें मैरीकाॅम को मौका मिला था कि वे आखिरी स्कोर ले पातीं। बता दें कि तीसरे राउंड में स्कोर 3-2 था। वहीं वालेंसिया के हाथों मैरीकाॅम को तीसरे राउंड में करारी हार देखनी पड़ी। मैरीकाॅम ने पूरी जान झोंक दी पर वे बाउट नहीं जीत पाईं और प्री क्वार्टरफाइनल में ही टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गईं।
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मैरीकाॅम ने जजमेंट पर उठाए सवाल
अपनी हार पर मैरीकाॅम ने बहुत कुछ कहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे खुद पर विश्वास नहीं हो रहा कि मैं हार गई, मुझे एक पल को लगा था कि मैं जीती हूं। मैंने रिंग में अपना हाथ ऊंचा उठाया क्योंकि मुझे लगा मैं जीती। अब मैं क्या कहूं कुछ समझ नहीं आ रहा है। अभी भी मैं खुद पर विश्वास नहीं कर पा रही हूं। हर किसी ने ये मुकाबला देखा और वे जानते हैं कि इसमें कौन जीता। हालांकि मैं फैसले से खफा हूं।’ इसके बाद मैरीकाॅम ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बाॅक्सिंग टास्क फोर्स पर आरोप लगाए कि उन्होंने प्री क्वार्टरफाइनल में जो जजमेंट किया है वो सही नहीं है।
ऋषभ वर्मा