भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए जाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने हमलावर होते हुए कहा कि उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए। इससे पहले अखिलेश यादव ने कानपुर में हुई हिंंसा के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए वैधानिक कदम उठाने की मांग की थी।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी। किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं। इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए। केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत् जेल भेजना चाहिए।

मायावती ने कहा, इतना ही नहीं बल्कि कानपुर में अभी हाल ही में जो हिंसा हुई है, उसकी तह तक जाना बहुत जरूरी। साथ ही, इस हिंसा के विरुद्ध हो रही पुलिस कार्रवाईयों में निर्दोष लोगों को परेशान ना किया जाए, बीएसपी की यह भी मांग है।
क्या है पूरा मामला: कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंंसा के लिए अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की थी। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि नूपुर शर्मा ने पिछले महीने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी की थी। कहा जा रहा है कि इन्हीं बयानों के कारण कानपुर में हिंसा भी भड़की थी।
बता दें कि पिछले महीने (मई) एक टेलीविजन न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सख्ती दिखाने के चंद घंटे बाद ही भाजपा नेता नूपुर शर्मा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता रद कर दी थी। इस बीच उन्होंने माफी भी मांगी थी। नूपुर शर्मा ने ट्वीट किया था कि अगर वे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं तो मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं।
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