इस बीच ओलंपिक का खुमार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। 23 जुलाई से टोक्यो शहर में हो रहे ओलंपिक इन दिनों अपने पीक पर हैं। इसमें भारत को भी अपना पहला मेडल (सिल्वर) मीराबाई चानू द्वारा हासिल हो चुका है। इन सबके इतर खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों में मौसम के चलते काफी परेशानी हो रही है।
ऐसे में एक टेनिस खिलाड़ी मेदवेदेव ने तो यहां तक कह दिया कि ‘अगर मैं मर गया तो किसकी जिम्मेदारी होगी‘। तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है।
इस वजह से अपने मरने की बात कही
इन दिनों ओलंपिक में खिलाड़ियों को गर्मी के मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। वहां का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है। हालांकि ये तापमान बाद में उमस व गर्मी के चलते 37 तक पहुंच गया था। इस तेज गर्मी में वैसे ही खिलाड़ियों का हाल बेहाल है और परफार्मेंस करने में वे पसीना–पसीना हो जा रहे हैं। इसी तेज गर्मी के मौसम में वर्ल्ड नंबर 2 खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव इटली के फैबियो फोगनिनी के प्रतिद्वंदी होने की भूमिका कर रहे थे। दोनों ही खिलाड़ी गर्मी से बेहाल थे फिर भी खेलना नहीं छोड़ा। वहीं प्री क्वार्टरफाइनल में मेदवेदेव ने फैबियो को पराजित कर दिया। मेदवेदेव ने 6-2, 3-6, 6-2 से फैबियो को मात दे दी। इसके साथ ही वे क्वार्टरफाइनल में जा पहुंचे।
मैच के बीच कहा मैं मर गया तो
उन्होंने भले ही खेल जीत लिया हो पर खेल के बीच उन्होंने कुछ ऐसा कह डाला जो किसी को भी चौंका देगा। दरअसल उन्होंने चेयर अंपायर के पास जा कर कहा कि क्या मैं मर गया तो आप जिम्मेदार होंगे। तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने आखिर ऐसा क्यों कहा। दरअसल जहां पर ये मैच हो रहा था यानि कि आरयाके टेनिस पार्क में उस वक्त काफी गर्मी का मौसम था।
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अंपायर ने खेल रोकने की सलाह दी
इसके बाद अंपायर ने उनकी परेशानी को देखते हुए उनका हाल जाना और उनसे पूछा कि क्या आप अभी खेल सकते हैं या खेल को जारी रखना चाहते हैं। इस पर मेदवेदेव ने कहा,’मैं एक फाइटर हूं तो बीच में नहीं रुकूंगा भले ही मैं मर जाऊं।’
ऋषभ वर्मा
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