नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव अब करीब आता जा रहा है। ऐसे मेें ऐंटी बीजेपी मोर्चा बनाने की हलचल तेज हो गई है। कुछ महीने पहले एनडीए से अलग हो चुके टीडीपी सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस मिशन में जोरशोर से लग गए हैं। गुरुवार को वह दिल्ली में थे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और नैशनल कॉन्फ्र्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के साथ महाबैठक की।
तमाम दलों के नेताओं के साथ बैठकों को लेकर नायडू पहले ही साफ कर चुके हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने में उनकी भूमिका फसलिटेटरकी है। हालांकि गुरुवार को बैठक के बाद उन्होंने यह भी कहा कि इन मुलाकातों का मकसद देश को बचाना है। गुरुवार को महाबैठक के बाद चंद्रबाबू ने फारूक अब्दुल्ला और शरद पवार के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
सबसे पहले बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि चंद्रबाबू ने सुझाव दिया कि हम सभी को मिलकर देश और लोकतंत्र को बचाने पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की इस मुलाकात का उद्देश्य यही था। हमारा मिशन देश और लोकतंत्र को बचाना होगा। सीबीआई संकट का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश इस समय मुश्किल हालात का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं और इसी कारण हम आज मिले हैं कि कैसे देश, लोकतंत्र और संस्थानों को बचाया जा सकता है। उन्होंने आगे एक कॉमन मिनिमम प्रोगाम बनाने की भी बात कही।
इसके बाद नायडू ने शरद पवार को देश का बड़ा नेता बताते हुए खुद को उनसे छोटा बताया। उन्होंने भी दोहराया कि देश आज गंभीर संकट में है। लोकतंत्र, संस्थाओं को लेकर स्थितियां ठीक नहीं हैं। हमने कई दूसरे दलों के नेताओं से भी बात की है और कर रहे हैं। हम देश के भविष्य के लिए एक प्रोग्राम बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह देश में घूम.घूमकर विपक्षी नेताओं से मिलेंगे।
चुनावी अजेंडा की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कोई महत्वाकांक्षा नहीं हैए हमें सीटें नहीं चाहिए। जो भी ऐंटी बीजेपी पार्टियां हैं वे आज मिली हैं। नायडू ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक नायडू आज शाम को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकते हैं। नायडू की कोशिश है कि 2019 के चुनाव में बीजेपी का सामना करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जाए।
बताया जा रहा है कि राहुल से नायडू की मुलाकात के दौरान तेलंगाना में सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन पर भी चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत हो रही है। आपको बता दें कि कभी बीजेपी के सहयोगी रहे नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने से नाराज होकर इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ दिया था। इससे पहले 27 अक्टूबर को नायडू ने दिल्ली में बीएसपी प्रमुख मायावती, नैशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी।