नई दिल्ली: चंद रोज पहले सक्रिय राजनीति में आने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी पहली आधिकारिक बैठक की। गुरुवार को हुई इस बैठक में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के खिलाफ लडऩे का प्रण लिया है। कांग्रेस की पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए नवनियुक्त महासचिव प्रियंका ने पार्टी मुख्यालय 24 अकबर रोड पर स्थित महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में हिस्सा लिया।
अपनी पहली बैठक में प्रियंका ने कहा कि आरएसएस-भाजपा गठबंधन की विचारधारा और विचार प्रक्रिया का मुकाबला किया जाना आवश्यक है। प्रियंका ने कहा कि वह नई और गैरअनुभवी हैं लेकिन वह अपना बेस्ट देंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया से दो महीनों में किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं करते हैं और इसीलिए उन्हें कोई दबाव महसूस करने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने दोनों से कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए ढांचा तैयार करने को कहा और उसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयार करने को कहा है।
कांग्रेस संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल ने महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों को 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। वेणुगोपाल ने पत्रकारों से कहा हमने उम्मीदवारों के चुनाव की प्रक्रिया, चुनाव प्रचार रणनीति और जहां जरूरी हो वहां गठबंधन पर चर्चा की। हमारे सभी महासचिवों और राज्य प्रभारियों ने अपने राज्य को लेकर अपने विचार बताए हैं।
अंत में हमने एक अल्टीमेटम दिया है कि उम्मीदवारों का चयन इसी महीने पूरा हो जाना चाहिए। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रियंका गांधी वाड्रा और सिंधिया से गुरुवार को मुलाकात की। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि तीनों 11 फरवरी को लखनऊ जाएंगे और वहां 14 फरवरी तक रहेंगे। उन्होंने आगे कहा वह लखनऊ हवाई अड्डे से पार्टी कार्यलय तक जुलूस में जाएंगे।
महासचिव उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ 12 फरवरी से लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में बातचीत करेंगे। राहुल गांधी का कहना है कि पार्टी वर्तमान के राज्यसभा सदस्यों और विधायकों को टिकट नहीं देगी जब तक कि ऐसा करना अनिनार्य न हो। सिंधिया के सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने नेताओं से कहा कि उन लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा जो एक से ज्यादा बार चुनाव हार चुके हैं।