हिंदू धर्म में माघ माह का काफी महत्व है। यह माह भगवान के काफी करीब माना जाता है। इस माह में हर प्रकार के कर्म कांड काफी पुण्य देने वाले होते हैं। स्नान और दान का तो काफी महत्व है ही साथ में हवन पूजन का भी महत्व है। इस माह में पड़ने वाले हर एक दिन और पूर्णिमा व अमावस्या का भी महत्व है। इस माह में हर दिन किसी न किसी प्रकार का व्रत होता है। कहा जाता है कि इस माह में मासिक शिवरात्रि का खूब महत्व है। आइए जानते हैं इस दिन में कैसे होती है पूजा।
कब होती है शिवजी की पूजा
कहा जाता है कि महाशिवरात्रि में ही भगवान शिव लिंग को प्राप्त किया गया था। इस माह में ही कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन ही माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 30 जनवरी के दिन रखा जाएगा। यह रविवार को पड़ेगा। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए लोग महादेव का व्रत शिवरात्रि के दिन रखते हैं। इसलिए लोगों को इस दिन व्रत और पूजा की विधि का जानना आवश्यक है।
पूजा की विधि क्या है
पौराणिक कथा है कि महाशिवरात्रि की आधी रात में शिवजी के लिंग के रूप में यहां अवतरित हुए थे। बताते हैं कि सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णुजी ने उनकी पूजा की थी। तभी से इस दिन का महत्व बढ़ गया है। बताते हैं कि न केवल उनकी पूजा की गई बल्कि तमाम देवियों ने भी व्रत किया था। माघ माह में पड़ने वाली शिवरात्रि से जीवन में काफी पुण्य मिलता है और यह सुख और समृद्धि भी बढ़ाता है। इस माह में व्रत को करने के लिए नियम है जिसे जानना जरूरी है। इसे शुभ भी माना जाता है। यह व्रत कोई भी कर करके पुण्य कमा सकते हैं। इसमें रात को उठकर पूजा करने का महत्व है। इस दिन व्रत करने के लिए लोगों को सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और शिव की पूरे परिवार की पूजा करें। इसमें शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी है। शिवलिंग को जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही से रुद्राभिषेक कराएं। उनको बेलपत्र, नारियल और धतूरा चढ़ाएं। धूप, दीप, नैवेद्य और फूल और फल चढ़ाएं। उनकी स्तुति, अष्टक और शिवश्लोक करें।
GB Singh