भोपाल। गैस त्रासदी के 32 साल पुराने मामले में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। सोमवार को सीजेएम ने पुराने आदेश के परिपालन में स्वराज पुरी और मोती सिंह के खिलाफ 5 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। पढ़ें पूरी खबर…
-राजधानी की सीजेएम कोर्ट ने गैस त्रासदी मामले में आरोपी वारेन एंडरसन को फरार करने और उसे भागने में मदद करने के मामले में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और तत्कालीन SP स्वराज पुरी को अदालत में हाजिर होने के लिए जमानती वारंट जारी किए हैं।
-सोमवार को सीजेएम ने पुराने आदेश के परिपालन में स्वराज पुरी और मोती सिंह के खिलाफ 5 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए।
पत्नी को बदनाम करने के लिए इंस्टाग्राम एकाउंट किया हैक, डाली अश्लील फोटो!
-सोमवार को सीजेएम ने पुराने आदेश के परिपालन में स्वराज पुरी और मोती सिंह के खिलाफ 5 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए।
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-अदालत ने आदेश दिया है कि दोनों 23 नवंबर को न्यायालय में उपस्थित हो।
-मालूम हो कि इससे पहले पिछले साल नवंबर में सीजन-2 भास्कर यादव ने गैस पीड़ितों की ओर से पेश एक निजी 87 की सुनवाई के बाद तत्कालीन कलेक्टर और एसपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
-इतना ही नहीं उन्हें अदालत में हाजिर होने के आदेश भी दिए थे।
-तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन SP स्वराज पुरी और मोती सिंह ने निचली अदालत के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी।
-2 दिन पहले ही सत्र न्यायालय ने यह कहते हुए रिवीजन अर्जी खारिज कर दी थी कि निचली अदालत ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने में कोई त्रुटि नहीं की है इसलिए निचली न्यायालय के आदेश को सही मानते हुए प्रकरण यथावत जारी रहेगा।
-मालूम हो कि इससे पहले पिछले साल नवंबर में सीजन-2 भास्कर यादव ने गैस पीड़ितों की ओर से पेश एक निजी 87 की सुनवाई के बाद तत्कालीन कलेक्टर और एसपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
-इतना ही नहीं उन्हें अदालत में हाजिर होने के आदेश भी दिए थे।
-तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन SP स्वराज पुरी और मोती सिंह ने निचली अदालत के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी।
-2 दिन पहले ही सत्र न्यायालय ने यह कहते हुए रिवीजन अर्जी खारिज कर दी थी कि निचली अदालत ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने में कोई त्रुटि नहीं की है इसलिए निचली न्यायालय के आदेश को सही मानते हुए प्रकरण यथावत जारी रहेगा।
गैस पीड़ित संगठनों ने लगाया था मामला
इस मामले में अदालत में गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार और एडवोकेट शहनवाज खान ने एंडरसन को भोपाल से गैरकानूनी रूप से फरार कराने के लिए दोनों के खिलाफ 20 जून 2010 को निजी इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया गया था कि सिंह और पुरी ने एंडरसन को भोपाल से फरार होने में मदद की थी। सिंह की लिखित पुस्तक भोपाल गैस त्रासदी का सच को आधार मानते हुए सीजेएम ने लिखा कि पुस्तक देखने से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने में गैस रिसाव के बाद धारा 304, 304 ए, 429 के मामले में एंडरसन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
इस मामले में अदालत में गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार और एडवोकेट शहनवाज खान ने एंडरसन को भोपाल से गैरकानूनी रूप से फरार कराने के लिए दोनों के खिलाफ 20 जून 2010 को निजी इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया गया था कि सिंह और पुरी ने एंडरसन को भोपाल से फरार होने में मदद की थी। सिंह की लिखित पुस्तक भोपाल गैस त्रासदी का सच को आधार मानते हुए सीजेएम ने लिखा कि पुस्तक देखने से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने में गैस रिसाव के बाद धारा 304, 304 ए, 429 के मामले में एंडरसन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।