मध्यप्रदेश के IAS लोकेश जांगिड़ अब सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। जी दरअसल कोरोना के दौरान ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीदी में घोटाला उजागर करने के बाद उनके साथ बहुत बुरा हुआ। आप जानते ही होंगे कि उन्हे बड़वानी अपर कलेक्टर के पद से हटा दिया गया था और उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। यह सब होने के बाद उन्होंने एक मशहूर हिंदी अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में प्रदेश की IAS लॉबी पर कई सवाल उठाए हैं। हालाँकि कुछ IAS जांगिड़ के द्वारा उठाए गए कदम को सही मान रहे हैं। सीनियर IAS का कहना है कि ”जांगिड़ का कदम बिल्कुल सही है, बस तरीका गलत रहा है।”
आप सभी को बता दें कि जांगिड़ को सीनियर अफसरों के बीच IAS विसिल ब्लोअर का भी दर्जा मिल रहा है। वहीँ ट्रांसफर की बातचीत को सार्वजनिक करने के मामले में लोकेश को नोटिस मिला है और उन्होंने नोटिस का जवाब भी सोच लिया है। इसके अलावा इस पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र में डेपुटेशन का आवेदन कर चुके हैं। आपको हम यह भी बता दें कि ऑक्सीजन कंसट्रेटर की खरीदी को बड़वानी कलेक्टर ने बिल्कुल सही बताया है। जी दरअसल इस पूरे मामले को लेकर जांगिड़ का कहना है कि, ”जो भी हुआ, वह बेहद निराशाजनक है। उसके बार में और कुछ नहीं कहूंगा।’
इसके अलावा उन्होंने बड़वानी अपर कलेक्टर के पद से हटाए जाने के सवाल पर कहा कि ”मैंने खुले तौर पर कहा है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदी में गड़बड़ हुई थी। भ्रष्टाचार हुआ था। सबके सामने लाया तो मुझ पर ही कार्रवाई हो गई।” इसके अलावा उन्होंने खुद के ऊपर हुई कार्ऱवाई का जिम्मेदार बड़वानी कलेक्टर को बताया है। उन्होंने कहा कि ”बड़वानी कलेक्टर ने फ़ोन पर उनके खिलाफ लॉबिंग की थी उन्होंने भोपाल में किसी से बात की। इसका कारण मेरे ऊपर कार्यवाही की गई।” इसी के साथ जांगिड़ ने यह भी कहा कि, ”इस समय स्थितियां वाकई में अजीब हो गई हैं। आप खुद सोचिए 4 साल में 8 ट्रांसफर। हर जगह गड़बड़ी को सामने लाने का प्रयास किया जाता है और कुछ ही दिनों में तबादले के आदेश आ जाता है। ब्यूरोक्रेसी इस हालत में होगी कभी उम्मीद नहीं की थी।”
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