नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ने एचआरडी मंत्रालय को एक लेटर लिखकर 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में जांच की मांग की है।एनआईओएस की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इस साल के रिजल्ट के शुरुआती जांच में पता चला की मध्यप्रदेश से सैकड़ों ऐसे छात्र पास हो गए हैं, जिन्होंने परीक्षा ही नहीं दी थी। अभी-अभी हुआ डेरे के रहस्य का सबसे बड़ा खुलासा, अस्पताल के भीतर चल रहा था गैरकानूनी ऑर्गन ट्रांसप्लांट
एनआईओएस चेयरमैन चंद्र बी शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि 22 अगस्त को मंत्रालय को जांच के लिए पत्र लिखा गया। उन्होंने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के तीन परीक्षा केंद्र रतलाम, उमरिया और सीहोर में अनियमितता मिली, जिसके बाद केंद्र को यह पत्र लिखा गया।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब चंद्र बी शर्मा से पूछा गया कि क्या आपने ने सीबीआई जांच की मांग की है, तो उन्होंने कहा कि मैं अभी विजिलेंस एजेंसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं। हालांकि एक सूत्र ने बताया कि सरकार मामले में जल्द ही जांच के आदेश दे सकती है।
क्या है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग या राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान , एक स्वायत्त संगठन है, जो भारत के ओपन स्कूलों के लिए बोर्ड है। इसकी शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नवम्बर 1989 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के दूर दराज के इलाकों के छात्रों को सस्ती शिक्षा मुहैया कराना है।