उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के बहुजन समाज पार्टी की भारतीय जनता पार्टी से मिली भगत के आरोपों पर बसपा की मुखिया मायावती ने आज चुप्पी तोड़ी है। मायावती ने न सिर्फ अपनी चुप्पी तोड़ी है, बल्कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को दो ट्वीट से मुलायम सिंह यादव के साथ ही अखिलेश यादव पर भी हमला बोला है। मायावती ने आरोप लगाया कि बसपा के नेता नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक भाजपा से मिले हुए हैं। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट में लिखा है कि समाजवादी पार्टी संरक्षक ने पिछले शपथ ग्रहण समारोह में तो पीएम नरेन्द्र मोदी से अखिलेश यादव को आशीर्वाद दिलाया था। इस बार तो अपने काम के लिए एक सदस्य को भाजपा में पहले ही भेज दिया है। मायावती का मुलायाम सिंह यादव और अखिलेश यादव पर दो ट्वीट से हमला बोला है।
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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में अम्बेडकरवादी लोगों ने नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम अधिकांश बदल दिये है। जो अति निन्दनीय व शर्मनाक भी है।
मायावती ने इसके बाद समाजवादी पार्टी के सरंक्षक पर भी हमला बोला है। उन्होंने बसपा तथा भाजपा की मिलीभगत के आरोप का भी जवाब दिया है। मायावती ने कहा कि बसपा नहीं ब््लिक सपा के संरक्षक ही भाजपा से मिले हैं। मुलायम सिंह यादव तो खुलकर भाजपा से मिले हैं। जिन्होंने भाजपा के पिछले शपथ ग्रहण में अखिलेश यादव को भाजपा से आर्शीवाद भी दिलाया और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को भाजपा में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है।
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