लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी के मडिय़ांव इलाके में दिल को दहला देने वाली एक घटना सामने आयी है। प्रभाकर अस्पताल में रहने वाली एक महिला और उसकी दुधमुंही बेटी की चाकू से गला रेंत कर हत्या कर दी गयी। इस दोहरे हत्याकाण्ड को महिला के पति ने अंजाम दिया। पत्नी और बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी ने खुद भी जहर खा लिया। कुछ ही देर में उसकी भी मौत हो गयी।
काकोरी के दुर्गागंज निवासी 30 वर्षीय पशुराम अपनी दूसरी पत्नी नूरी उर्फ नीलू के साथ मडिय़ांव स्थित डाक्टर राज अवस्थी के प्रभाकर नर्सिंग होम में बने एक क्वार्टर में रहता था। नीलू नर्सिंग होम के कुक का काम करती थी, जबकि परशुराम एक बैंक अधिकारी की गाड़ी चलता था।
परशुराम के क्वार्टर के बगल में अनीता ने रात करीब साढ़े तीन बजे परशुराम के कमरे से चीख-पुकार की आवाज सुनी। अनीता ने इस बात की जानकारी अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को दी। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी जब परशुराम के क्वार्टर पहुंचे तो मंजर देख सन्न रह गये। तख्त पर परशुराम की पत्नी और ढाई माह की मासूम बेटी बिट्टïू का खून से लथपथ शव पड़ा था।
वहीं कमरे में मौजूद परशुराम जोर-जोर से चिला रहा था कि उसने भी जहर खा लिया है। मंजर देख लोगों का दिल सहम गया। कर्मचारियों ने फौरन सूचना अस्पताल के मालिक डाक्टर राज अवस्थी को दी। उधर डाक्टर अवस्थी ने इस बात की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी।
सूचना पर जब तक मडिय़ांव पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक परशुराम की भी मौत हो चुकी थी। छानबीन के दौरान पुलिस को कमरे से हत्या में प्रयुक्त चाकू और परशुराम के हाथ का लिखा सुसाइड नोट मिला। छानबीन के बाद मडिय़ांव पुलिस ने तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने चाकू और सुसाइड नोट को अपने कब्जे में ले लिया है।
पत्नी और उसकी बहनों को ठहराया जिम्मेदार
मडिय़ांव पुलिस को छानबीन के दौरान परशुराम के हाथ का लिखा एक पन्ने का सुसाइट नोट लिखा। नोट में परशुराम ने अपनी पत्नी नीलू, उसकी दो बड़ी बहनों बेबी और अजरा को इस घटना का जिम्मेदार ठहराया था। परशुराम ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसकी दोनों बड़ी बहनों पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। नोट में इस बात का जिक्र है कि उक्त बहने शादीशुदा हिंदू लोगों को अपने जाल मेें फंसाकर बर्बाद करती हैं। उसने यह भी लिखा था कि यह बात कर लेना नहीं तो उसकी आत्मा भटकेगी। परशुराम के लिखे सुसाइड नोट पर 2 नवम्बर का तारीख पड़ी थी।
पहली पत्नी और बच्चों से नहीं मिलने देती थी नीलू
अपने सुसाइड नोट में परशुराम ने इस बात का भी जिक्र किया है कि नीलू उसको अपनी पहली पत्नी और बच्चों से मिलने तक नहीं देती थी। यहां तक कि उसके सारे रुपये भी नीलू और उसकी बहनों ने ले लिये थे। परशुराम की पहली पत्नी और दो बच्चे गांव में ही रहते हैं।
जिसने भी देखा मंजर सहम गया
्रप्रभाकर अस्पताल के क्वार्टर नम्बर बीवाई-4 का मंजर जिसने भी देखा तो कुछ देर के लिए सन्न रह गया। इस क्वार्टर में परशुराम और नीलू साथ रहते थे। कमरे में बिखर खून और मासूम बच्ची का शव देख लोग सहम गये। मौके पर मौजूद लोग इस बात की चर्चा कर रहे थे कि परशुराम इतना बेरहम हो सकता है, किसी को अंदाजा भी नहीं था। परशुराम का झगड़ा पत्नी और उसकी बहनों से था तो मासूम बेटी को क्यों मार दिया? कुछ लोग यह बात भी कह रहे थे कि ऐसा आत्मघाती कदम उठाने के पीछे कोई न कोई ऐसी वजह जरूर थी जिसको लेकर परशुराम तनाव में था। फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन जारी है।