म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना ने उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. आर्मी ने नगा उग्रवादियों के कैंप पर हमला बोला है, जिससे NSCN(K) कैडर के उग्रवादियों को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. भारतीय ऑपरेशन में कई उग्रवादी हताहत भी हुए हैं. यह ऑपरेशन करीब सुबह 4.45 बजे किया गया. भारतीय सेना ने साफ किया कि यह ऑपरेशन म्यांमार में घुसकर नहीं किया गया है. जानिए आखिर क्या है इस हमले का मतलब और क्यों ये जरूरी था-बड़ी खबर: जल्द निपटा ले बैंक से संबंधित सभी कार्य, आने वाले चार दिनों हो सकती है ये दिक्कत
क्यों खतरनाक है म्यामांर से सटा बॉर्डर
म्यांमार से भारत के चार राज्य सटे हैं. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश. इसलिए वहां से चल रहे आतंकवादी संगठनों का असर सीधा भारत पर होता है. यही नहीं, वहां का प्रमुख आतंकवादी संगठन भारतीय सेना को लंबे समय से निशाना बनाता रहा है.
म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना का बड़ा एक्शन, कई नगा उग्रवादी ढेर, कैंप तबाह
पहले भी हुई है ऐसी सैन्य कार्रवाई
2015 में भारतीय सेना ने एक बड़े ऑपरेशन में म्यांमार सीमा में दो किलोमीटर अंदर घुसकर उग्रवादियों के दो कैंप नेस्तनाबूद कर डाले थे. जनवरी 2006 में भी दोनों देशों ने ज्वाइंट मिलिट्री ऑपरेशन चलाया और म्यांमार से NSCN या खपलांग को खदेड़ दिया था. इस बार भी NSCN के आतंकियों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
कौन-कौन से उग्रवादी संगठन हैं सक्रिय
मोस्ट वांटेड नागा विद्रोही संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड या खापलांग है. ये म्यांमार में एनएससीएन-के के नाम से जाना जाता है. म्यांमार में इसके कई शिविर हैं. ये गुट 1980 से सुरक्षा बलों पर हमले, जबरन वसूली और लूटपाट जैसी गतिविधियों में लिप्त रहा है.
भारत को खतरा क्यों
पूर्वोत्तर में चार राज्य अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर), मिजोरम (510किलोमीटर), नागालैंड (215किलोमीटर) लंबी सीमा म्यांमार के साथ लगती है. इस 1643 किलोमीटर की सीमा पर 16 किलोमीटर भूभाग फ्री जोन है, जिसमें दोनों तरफ आठ-आठ किलोमीटर की सीमाएं शामिल है.