सावन का महीना चल रहा है और इस महीने में सोमवार का महत्व है। इसके अलावा महादेव के गले में हमेशा रहने वाला उनका सांप यानी नागदेवता की भी पूजा का महत्व है। इसलिए नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा करने से तमाम तरह के संकट दूर होते हैं और यह पूजा किस मुहूर्त में की जाए, इसका भी अलग महत्व है। आइए जानते हैं पूजा का सही समय क्या है।
दो अगस्त को है नागपंचमी
नागपंचमी का त्योहार दो अगस्त को मनाया जाएगा। यह एक ऐसा दिन है जिस दिन कुंडली में काल सर्प के दोष को भी दूर किया जाता है। लेकिन अगर सही तरह से पूजा न की जाए तो द्क्कित हो सकती है। यह त्योहार सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाई जाती है इसलिए इसे नागपंचमी कहते हैं। नागदेवता को इस दिन दूध चढ़ाना चाहिए। बता दें कि नाग देवता का संबंध देवताओं से भी है। जैसे महादेव के अलावा विष्णु की शैय्या नाग है और गणेश के जनेऊ नाग है।
ऐसे करें विशेष मुहूर्त में पूजा
नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करना अच्छा है और इसे विशेष योग में करना अच्छा होता है। अगर नाग के सामने आप नहीं आ सकते और दूध नहीं चढ़ा सकते तो आप उनकी मूर्ति पर भी अभिषेक कर सकते हैं। लेकिन नाग को दूध नहीं पिलाना चाहिए। उनको दूध पिलाने की जगह अभिषेक करना चाहिए। नाग पंचमी के लिए शुभ मुहूर्त दो अगस्त को सुबह छह बजकर पांच मिनट से लेकर 8 बजकर 41 मिनट तक है। पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा कर रहे हैं तो इस दिन सुई धागा उपयोग न करें। लोहे के बर्तन में खाना न बनाएं। राहु-केतु की अशुभ स्थिति वाले लोग नाग को हानि न पहुंचाएं। उनकी पूजा करें और दूध चढ़ाकर माफी मांगे। प्रार्थना करें। इस दिन जमीन की खुदाई न करें। सांप को मारे नहीं।
GB Singh
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