जी 7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की तैयारी में हैं। नाटो के सदस्य देशों से उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाकर दो गुना करने के लिए कहा है। जर्मनी को रूस का बंधक करार देने के बावजूद ट्रंप जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। नाटो अमेरिका की अगुआई वाला 29 देशों का सैन्य गठबंधन है।
मर्केल से आमने-सामने की मुलाकात के बाद ट्रंप फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से एकांत में बंद कमरे में मिलेंगे। ट्रंप दो दिन के नाटो सम्मेलन में भाग लेने के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचे हैं। नाटो के महासचिव जेंस स्टॉटेनबर्ग के साथ नाश्ते के बाद ट्रंप ने जर्मनी पर हमला बोला। कहा, वह ऊर्जा के लिए रूस पर इस तरह से आश्रित है कि वह उसका बंधक बन गया है। उनका निशाना रूस-जर्मनी की गैस पाइपलाइन पर था।
उन्होंने जर्मनी से अपना रक्षा बजट तत्काल बढ़ाने की मांग की जिससे नाटो पर खर्च के मामले में अमेरिका को राहत मिल सके। ट्रंप को अपने सहयोगी यूरोपीय देशों से यह शिकायत रही है कि वे नाटो के जरिये सुरक्षा के गठबंधन पर पर्याप्त खर्च नहीं करते। इससे अमेरिका पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी सुरक्षा गठबंधन पर जीडीपी का 1.24 प्रतिशत खर्च करता है जबकि 2014 में फैसला जीडीपी का दो प्रतिशत खर्च करने पर हुआ था। अमेरिका अपने जीडीपी का 3.5 प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करता है।
जवाब में मर्केल ने कहा है कि वह रूस के प्रभाव में काम नहीं करतीं। जर्मनी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, वह अपने हितों के मुताबिक नीतियां बनाता है।
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