मनुष्य का जीवन बिना गलती के संचालित नहीं किया जा सकता। कहते हैं कि ग़लतियां लोगों से ही होती है अगर गलतियां नहीं की जाए तो व्यक्ति सीखेगा कैसे। लेकिन कुछ ग़लतियां ऐसी होती हैं जिनको बार-बार करना पाप बन जाता है। उन्हें गलतियों की पुनरावृत्ति आपको मुसीबत में भी डाल सकती है इसलिए जरूरी है कि हर काम सोच समझ कर करना चाहिए अन्यथा परिणाम घातक हो सकते हैं।
आज हम इसी पर बात करेंगे वह कौन सी गलतियां हैं जिन्हें व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए।
जब सामने वाला हो क्रोध में तो न दे जवाब
जब भी आप किसी से बात कर रहे हो या आप से कोई बड़ा बूढ़ा व्यक्ति आप पर क्रोध कर रहा हो और आपको डांट डपट रहा हो तो कभी भी उस को पलट कर जवाब नहीं देना चाहिए उस समय आप शांत रहें यही आप की सबसे बड़ी अच्छी क्वालिटी कही जाएगी अगर आपने उस समय पलटवार करते हुए जवाब दे दिया तो इससे बात और बिगड़ सकती है और आपकी इच्छा भी पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। क्रोध में कही गई बात सामने वाले को हर्ट कर सकती हैं इसलिए आप ऐसी कोई भी बात ना करें जिससे सामने वाला दुखी हो और वह आपसे बात करना भी ना चाहे और रह रह कर उसे आपकी चुभने वाली बात ही याद रहे इसलिए मनमुटाव ना हो तो आप शांत रहें यह सबसे अच्छा तरीका है।
दुख में ना ले कोई फैसला
जब भी आप दुखी हो परेशान हो तो दुख के आधीन या वशीभूत होकर आप कोई भी निर्णय ना ले। क्योंकि दुख में लिया गया फैसला हमेशा हानिकारक ही होता है। उस समय आप भावुक होते हैं सही गलत का फर्क आपको समझ में नहीं आता और जो उस समय आप कर रहे होते हैं वही आपको सही निर्णय लगता है इसीलिए आप त्वरित ही फैसला कर डालते हैं जो कि आपको बाद में भारी पड़ सकता है। दुख में लिए गए फैसले हमेशा पछतावा देते हैं।
खुश हो तो किसी से वादा ना करें
जब आप बेहद खुश होते हैं और सामने वाले पर भरोसा करते हैं तो उस समय आप भविष्य नहीं जानते और मारे खुशी की आवाज आ कर देते हैं कि आप हमेशा साथ में निभाएंगे, लेकिन यह फैसला आपका गलत साबित हो सकता है। और आगे भविष्य में आप दोनों के संबंध अच्छे रहे या ना रहे संबंध अच्छे रहे या ना रहे लेकिन आप अपने वादे पर पछताने के अलावा कुछ नहीं कर पाएंगे और वादा हमेशा संतुलित अवस्था में ही रहना चाहिए दिमाग से और दिल से लिए गए कभी-कभी वादे गलत साबित हो सकते हैं इसलिए संतुलन बनाए रखना चाहिए जल्दबाजी में कोई फैसला लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।