महाभारत को हम सभी ने पढ़ा और सुना है। महाभारत में एक चरित्र थे विदुर। महाभारत की पूरी घटना विदुर ने ही महाराज धृतराष्ट्र को सुनाई थी। यही नहीं महाराज धृतराष्ट्र विदुर से ही सलाह मशवरा लिया करते थे। जब महाभारत युद्ध होने जा रहा था तो उससे पहले युद्ध के परिणामों को लेकर महात्मा विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच चर्चा हुई थी। जिन्हें विदुर नीति के रूप में जानी जाती है।
महात्मा विदुर अत्यंत दूरदर्शी होने के साथ ही शांत और सरल स्वभाव के महात्मा थे। शायद ही आप जानते हों कि महात्मा विदुर महाराज धृतराष्ट्र के भाई थे। जब महाभारत का जिक्र होता है तो अनेकों बुद्धिजीवियों के नाम आने लगते हैं, उन्हीं विद्वानों में से एक नाम महात्मा विदुर का भी आता है। आपको बता दें कि विदुर नीति के अनुसार चार जगहों पर चप्पल या जूते नहीं पहनने चाहिए। वो कौन-सी चार चीजें हैं चलिए जानते हैं-
भंडार घर- भंडार घर जिसे आम भाषा में स्टोर रूम कहते हैं। स्टोर रूम में कभी भी जूते-चप्पल न पहनकर जाएं। क्योकि अगर आप भंडार घर में जूते चप्पल पहनकर जाते हैं तो वास्तु शास्त्र के मुताबिक मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। जिससे कि आपको अन्न-धन की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
तिजोरी के पास – तिजोरी के पास भी जूते या चप्पल नहीं उतारने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वास्तु शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं। मां लक्ष्मी के रूष्ट हो जाने के कारण आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। तिजोरी के पास जाने से पहले चप्पल या जूते बाहर उतार दें और नंगे पैर ही तिजोरी के पास जाएं।
मंदिर के पास- मंदिर में भूलकर भी जूते-चप्पल नहीं उतारने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से भगवान आपसे नाराज हो सकते हैं। मंदिर में भगवान का वास होता है और वहां मूर्तियां विराजमान होती हैं। हमारे हिंदू धर्म शास्त्र में भगवान को सर्वोपरि माना गया है। मंदिर में अगर आप जूते चप्पल पहनकर जाते हैं तो आपके साथ कुछ अनिष्ट होने का खतरा बना रहता है।
रसोई घर- रसोई घर जिसे मां अन्नपूर्णा का स्थान कहा गया है। हिंदू धर्म शास्त्र में अन्न का निरादर करना महापाप माना गया है। रसोई घर में खाना खाने और जूते या चप्पल पहनकर जाने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं। इसलिए कभी भी रसोई घर में जूते या चप्पल पहनकर न जाएं। वहां देवी का वास होता है। और देवी को कोई भी नाराज नहीं करना चाहेगा।