सोचिए, आपने कुछ सामान घर मंगवाया और वह ड्रोन के जरिए आपके घर पहुंच रहा है। ऐसा शायद जल्द ही मुमकिन हो जाए। क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से जो पहल की गई उससे आने वाले दिनों में ड्रोन से डिलीवरी संभव हो जाएगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा अगर ई-कामर्स कंपनियों को मिलेगा तो यह उपभोक्ताओं के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगी। जानकारी के मुताबिक, सरकार ड्रोन उड़ाने के नियमों में बदलाव करने जा रही है। इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है और लोगों से राय मांगी गई है। इससे घर-घर ड्रोन से डिलीवरी आसान हो जाएगी।
आखिर क्या कहता है ड्राफ्ट नियम
जानकारी के मुताबिक, नागर विमानन मंत्रालय यानी मिनिस्टरी आॅफ सिविल एविएशन की ओर से विश्वास, स्वप्रमाणन एवं बिना किसी हस्तक्षेप निगरानी के आधार पर ड्रोन को इस्तेमाल करने संबंधी एक ड्राफ्ट नियम जारी किया है। इस नियम के मुताबिक, अगर ड्रोन को उड़ाने के लिए पहले आपको अनुमति लेने के लिए 25 आवेदन पत्रों को भरना पड़ता था। लेकिन अब यह मात्र छह कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, ड्रोन उड़ाने के लिए जो आवेदन पत्र भरे जाएंगे वह भी मानव रहित विमान प्रणाली यानी की अननेम्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम -यूएएस 2021 के तहत हैं। जिसके तहत यह आवेदन पत्र घटाएं गए हैं। इसके अलावा अब आपको ड्रोन उड़ाने के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेनी की आवश्यकता नहीं होगी। इसके कई प्रकार होते थे, जो अब खत्म कर दिए गए हैं। पहले आपको मेनटेंनेंस से लेकर आॅपरेटर और अन्य प्रमाणपत्र लेने होते थे।
शुल्क भी घटाने का प्रस्ताव
ड्रोन उड़ाने के लिए सरकार की ओर से एक फीस तय की गई है। यह यूएएस नियम के मुताबिक इसी साल मार्च में लागू हुआ था। अब नया नियम यूएएस नियम को हटाकर लागू होगा। इसके तहत ड्राफ्ट में शुल्क को काफी कम कर दिया गया है। इसका ड्रोन के आकार से कोई लेना-देना नहीं होगा। पहले ड्रोन के आकार के अनुसार शुल्क तय था। बताया जा रहा है कि यूएएस 2021 नियम को बदलने से काफी तेजी से तकनीक का असर भारत में दिखेगा। स्टार्टअप के लिए भी यह एक वरदान माना जा रहा है।
आगे और क्या है
ड्रोन को उड़ाने के लिए नियम हैं जिसके मुताबिक ग्रीन जोन में 400 फुट तक ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट के आठ से 12 किलोमीटर के दायरे में भी 200 फुट तक उड़ान के लिए इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। बताया जा रहा है कि नियम के मुताबिक, अगर व्यवसाय के अतिरिक्त माइक्रो और नैनो ड्रोन और अनुसंधान व विकास संगठनों के लिए किसी पायलेट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। माल पहुंचाने के लिए ड्रोन कॉरिडोर भी बनाया जाएगा। साथ ही व्यवस्था संभालने के लिए एक परिषद भी बनेगा। लोग पांच अगस्त तक अपनी राय इन नियमों को लेकर दे सकते हैं। भारत में पंजीकृत विदेशी कंपनियों को भी ड्रोन चलाने की अनुमति मिलेगी।